Fatehpur Maqbara Dispute: Who is SP Leader Pappu Singh Chauhan Named in FIR Along with 9 Others?
AINNEWS1, उत्तर प्रदेश – फतेहपुर जिले में एक पुराने मकबरे और कथित मंदिर को लेकर छिड़ा विवाद अब पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है। यह मामला न सिर्फ स्थानीय स्तर पर बल्कि उत्तर प्रदेश विधानसभा तक में गरमा गया है।
11 अगस्त को हिंदू संगठनों के कुछ लोग फतेहपुर के इस मकबरे में घुसे और वहां पूजा करने की कोशिश की। उनका दावा था कि इस जगह पर पहले एक मंदिर था, जिसे तोड़कर मकबरा बनाया गया। इसी दौरान मकबरे के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ भी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
विधानसभा में हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप
मामले की गूंज यूपी विधानसभा में भी सुनाई दी। बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया, जबकि विपक्ष ने सरकार पर कार्रवाई में पक्षपात और आरोपियों के नाम छिपाने का आरोप लगाया।
12 अगस्त को विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जानकारी दी कि पुलिस ने इस मामले में 10 नामजद और 150 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। लेकिन जब उन्होंने नाम पढ़ना शुरू किया, तो बीच में रुक गए। इसी बात पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए कि आखिर सरकार क्यों नाम छुपा रही है।
FIR में शामिल 10 नाम
फतेहपुर पुलिस द्वारा दर्ज FIR में जिन 10 लोगों के नाम हैं, वे इस प्रकार हैं:
1. अभिषेक शुक्ला
2. आशीष त्रिवेदी
3. प्रसून तिवारी
4. ऋतिक पाल
5. धर्मेंद्र सिंह
6. अजय सिंह
7. विनय तिवारी
8. देवनाथ धाकड़े
9. पुष्पराज पटेल
10. पप्पू सिंह चौहान
सूत्रों के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर आरोपी बीजेपी और बजरंग दल से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। वहीं, पप्पू सिंह चौहान का संबंध समाजवादी पार्टी से था, लेकिन विवाद के बाद उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया।
सपा से निष्कासन और पप्पू सिंह का बयान
समाजवादी पार्टी ने पप्पू सिंह चौहान को “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के आरोप में निष्कासित कर दिया। इसके बाद पप्पू सिंह ने एक वीडियो जारी कर सपा पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा – “मैं लंबे समय से समाजवादी पार्टी में रहा, लेकिन पार्टी ने मेरे भरोसे को तोड़ दिया। यह पार्टी केवल मुस्लिमों की है, हिंदुओं के लिए इसमें कोई जगह नहीं है।”
पप्पू सिंह ने यह भी ऐलान किया कि वे अब पूरी तरह सनातन धर्म के लिए संघर्ष करेंगे और किसी भी राजनीतिक दल के दबाव में नहीं आएंगे।
स्थानीय माहौल में बढ़ा तनाव
घटना के बाद से फतेहपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी हो रही है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून-व्यवस्था बनाए रखें।
राजनीतिक मायने
इस विवाद ने सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच नए राजनीतिक समीकरण खड़े कर दिए हैं। जहां बीजेपी इस घटना को “धार्मिक आस्था का मामला” बताने से बच रही है और कानून-व्यवस्था पर जोर दे रही है, वहीं विपक्ष इसे “राजनीतिक फायदा” उठाने की साजिश बता रहा है।
पप्पू सिंह चौहान का नाम इसमें आने और फिर सपा से निकाले जाने के बाद हिंदू वोट बैंक और मुस्लिम वोट बैंक को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
फतेहपुर का मकबरा-मंदिर विवाद सिर्फ एक धार्मिक स्थल का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। FIR में आए 10 नाम, पप्पू सिंह चौहान का निष्कासन, और उनके विवादित बयान आने वाले समय में यूपी की राजनीति में हलचल मचा सकते हैं।
फिलहाल पुलिस जांच जारी है और प्रशासन मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश में है, लेकिन राजनीति में इस विवाद की गूंज लंबे समय तक सुनाई देने की संभावना है।
The Fatehpur Maqbara dispute in Uttar Pradesh has taken a political turn after a temple-mosque controversy led to vandalism. An FIR names 10 people, including former SP leader Pappu Singh Chauhan, who was later expelled from the party. The accused list also includes members linked to BJP and Bajrang Dal. Pappu Singh alleged that the Samajwadi Party is only for Muslims and vowed to fight for Sanatan Dharma. The case has sparked political tension, heated debates in the UP Assembly, and increased security in Fatehpur.