AIN NEWS 1: रूस में मुस्लिम पुरुषों के लिए चार शादियों की अनुमति देने वाला फतवा, विवाद और विरोध के बाद वापस ले लिया गया है। यह फतवा इस्लामिक कानूनों के आधार पर था, लेकिन यह रूस के धर्मनिरपेक्ष कानूनों से मेल नहीं खा रहा था, जिस पर काफी बहस हुई। रूस के मुस्लिम समुदाय की एक संस्था, “स्पिरिच्वल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम्स” (SAM), ने हाल ही में एक फतवा जारी किया था, जिसमें मुस्लिम पुरुषों को शर्तों के साथ चार शादियां करने की अनुमति दी गई थी।
फतवे के खिलाफ विरोध
रूस के संविधान और पारिवारिक कानून के तहत, एक से अधिक शादी करना अवैध है। ऐसे में इस फतवे के जारी होने के बाद, देश के ईसाई समुदाय और विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया। रूस की पार्लियामेंट (ड्यूमा) की परिवार, महिलाओं और बच्चों पर समिति की अध्यक्ष, नीना ओस्तानिना ने कहा कि रूस एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां सभी नागरिकों को नागरिक कानूनों का पालन करना चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म से जुड़े हों।
उन्होंने यह भी कहा कि यह फतवा रूस के संविधान और पारिवारिक कानून के खिलाफ है, जो विवाह को एक पुरुष और एक महिला के बीच संबंध के रूप में परिभाषित करता है। इसके बाद, रूस के महाभियोजक कार्यालय ने इस फतवे को वापस लेने की मांग करते हुए एक पत्र भेजा था। पत्र में रूस के कानूनों का हवाला देते हुए कहा गया था कि एक से अधिक शादियां करना रूस में अवैध है और इस तरह के फतवे से समाज में अव्यवस्था हो सकती है।
फतवे की शर्तें
यह फतवा मुस्लिम पुरुषों को कुछ शर्तों के साथ चार शादियां करने की अनुमति देता था। शर्तों में शामिल था कि हर पत्नी के लिए अलग घर होना चाहिए, उसे वित्तीय सहायता दी जाए, और एक पुरुष को सभी पत्नियों के साथ समान समय बिताने के लिए एक निर्धारित शेड्यूल का पालन करना होगा।
इसके अलावा, फतवे में कुछ और शर्तें भी थीं, जैसे कि यह शादियां तभी की जा सकती हैं जब पत्नी के बच्चे न हों, वह बीमार हो, उम्रदराज हो या फिर वह बच्चा न चाहती हो।
राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रियाएं
फतवे के जारी होते ही विभिन्न क्षेत्रों से आलोचना शुरू हो गई थी। रूस के सिविल सोसाइटी और मानवाधिकार के विकास के लिए काउंसिल के सदस्य, किरिल काबानोव ने इस फतवे की आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि इस तरह के धार्मिक फतवे रूस के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसी बीच, रूसी रूढ़िवादी चर्च के एक अधिकारी वख्तंग किपशिद्ध ने भी इस फतवे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ईसाई धर्म एकविवाह पर आधारित है और इस व्यवस्था में दोनों, पुरुष और महिला के लिए समान सम्मान की आवश्यकता है।
फतवा वापस लेने की घोषणा
इन आलोचनाओं और विरोध के बीच, इस्लामिक संस्था के प्रमुख मौलाना इल्डार अलयोतदीनोव ने फतवे का बचाव किया, लेकिन अंत में इसे वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि फतवे का उद्देश्य महिलाओं के हक की रक्षा करना था और इसे धार्मिक निकाह के दायरे में लागू किया गया था।
मौलाना ने कहा कि इस फतवे का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना था, लेकिन इसे वापस लेना अल्लाह की इच्छा के अनुसार था। उन्होंने यह भी कहा कि उलेमा काउंसिल ऑफ रशिया की इस मुद्दे पर कोई और बहस नहीं होगी और इसे खत्म कर दिया गया है।
रूस में मुस्लिम पुरुषों के लिए चार शादियों का फतवा एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद मुद्दा बन गया था। इस फतवे ने न केवल धार्मिक और कानूनी विवादों को जन्म दिया, बल्कि यह रूस के समाज में भी एक गहरी बहस का कारण बना। हालांकि, इस फतवे को वापस ले लिया गया है, यह घटना रूस में धर्म, कानून और समाज के बीच संतुलन बनाने के प्रयासों की जटिलता को दर्शाती है।