AIN NEWS 1 दिल्ली: 5 अक्टूबर 2024 को एक प्रमुख मीडिया संस्थान की पत्रकार ऋचा मिश्रा ने एक अनजान नंबर से कॉल उठाई। यह कॉल फेडेक्स कूरियर कंपनी के नाम पर आई थी, जिसने उन्हें साइबर ठगी के एक जाल में फंसा दिया। ऋचा की यह कहानी साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को उजागर करती है।
फर्जी कॉल की शुरुआत
दोपहर लगभग 12:15 बजे, ऋचा के मोबाइल पर +00918380889795 से कॉल आई। कॉल उठाने पर एक रिकॉर्डेड आवाज सुनाई दी, जिसमें कहा गया कि यह फेडेक्स कूरियर कंपनी से है। ऋचा ने सोचा कि यह उनके हालिया ऑनलाइन ऑर्डर के बारे में है, इसलिए उन्होंने 1 दबाया। यह उनकी पहली गलती थी।
ठगों का खेल
कॉल उठाने के बाद, एक व्यक्ति ने खुद को करण वर्मा बताते हुए कहा कि ऋचा का एक कूरियर मुंबई एयरपोर्ट पर जब्त कर लिया गया है। इसमें संदिग्ध सामान मिला है और ऋचा के आधार कार्ड का नाजायज इस्तेमाल किया गया है। इस बातचीत ने ऋचा को डरा दिया। उन्होंने सवाल किया कि उन्हें क्या करना चाहिए। करण ने कहा कि कॉल रिकॉर्ड हो रही है और उन्हें यह कहना होगा कि उनका इस कूरियर से कोई लेना-देना नहीं है।
मुंबई पुलिस का जाल
कॉल के बाद करण ने कहा कि ऋचा को मुंबई पुलिस से बात करनी होगी। उन्होंने ऋचा का नाम, आधार नंबर लिया और बाद में एक व्यक्ति, विनय कुमार चौधरी, से बात कराई। विनय ने ऋचा से गंभीरता से पूछताछ की और उन्हें ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घसीटने की कोशिश की। ऋचा ने बताया कि वे निर्दोष हैं, लेकिन विनय ने कहा कि उनके खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
वीडियो कॉल की खौफनाक प्रक्रिया
विनय ने कहा कि ऋचा को वीडियो कॉल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी। उन्होंने ऋचा से कहा कि वे स्काइप डाउनलोड करें और कई निर्देश दिए, जैसे कमरे का दरवाजा बंद करना और खिड़कियों पर पर्दे गिराना। इस दौरान, ऋचा का डर बढ़ता गया। विनय ने उन्हें बताया कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उनके परिवार को भी खतरा हो सकता है।
धोखे का खुलासा
करीब 90 मिनट की इस वीडियो कॉल के दौरान, विनय ने ऋचा को लगातार डराने की कोशिश की और उन्हें अपने नाम के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट दिखाया। लेकिन जब कॉल खत्म हुई, तो ऋचा ने अपने एक रिश्तेदार को फोन किया और अपनी कहानी सुनाई। उनके रिश्तेदार ने कहा कि यह सब फर्जी है।
सही कदम उठाना
अपने रिश्तेदार की सलाह पर, ऋचा ने साइबर क्राइम यूनिट से संपर्क किया। वहां से उन्हें बताया गया कि यह एक स्कैम है। उन्होंने फिर 112 नंबर पर कॉल की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें सहायता प्रदान की। पुलिस ने ऋचा को बताया कि यह एक फर्जीवाड़ा है और उन्होंने उन्हें उचित सलाह दी।
सतर्कता जरूरी
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि साइबर ठगों का जाल कितना खतरनाक हो सकता है। फेडेक्स कंपनी ने भी इस प्रकार की कॉल से सावधानी बरतने की सलाह दी है। ऋचा की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें ऐसे अनजान कॉल्स के प्रति हमेशा सतर्क रहना चाहिए और बिना सोचे-समझे कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।
साइबर ठगी के इस बढ़ते खतरे के बीच, सभी को जागरूक रहने की जरूरत है ताकि ऐसे धोखों से बचा जा सके।