AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में आगरा के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (कॉपरेटिव) में तैनात DSP लक्ष्मी सिंह पर अब लखनऊ के थाना सुशांत सिटी में ही धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसमें आरोप है कि लक्ष्मी सिंह ने एक झूठा सर्टिफिकेट लगाकर इंस्पेक्टर से DSP पद पर अपना प्रमोशन पाया था। इस पूरे घटनाक्रम में CBCID की जांच में पता चला है कि लक्ष्मी सिंह ने कोर्ट ऑर्डर के कई सारे तथ्य छुपाकर अपना प्रमोशन पाया था।
उनका शपथ पत्र झूठे होने का आरोप
यहां हम आपको बता दें पुलिस मुख्यालय स्थित अपराध अनुसंधान विभाग में ही तैनात सब इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह ने कराई है यह एफआईआर। इस FIR की कॉपी के अनुसार, लक्ष्मी सिंह ने अपने लिए इंस्पेक्टर से डिप्टी एसपी पद पर प्रमोशन के लिए 8 जून 2023 और 14 जून 2023 को जो कुछ शपथ पत्र दाखिल किए। जिसके बाद ही लक्ष्मी सिंह चौहान को DSP पद पर प्रमोशन भी मिल गया। बाद में जब उनके डॉक्यूमेंट्स की जांच हुई तो इनमे तथ्य गलत पाए गए। इसमें पता चला है कि लक्ष्मी सिंह ने कोर्ट के आदेश को ही तोड़-मरोड़कर शासन में पेश किया और कई सारे अन्य चीजें भी छिपाईं।
कोर्ट ने इस को भ्रष्टाचार के आरोप से किया बरी
उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात डिप्टी एसपी लक्ष्मी सिंह चौहान, दरोगा नवीन कुमार, सिपाही बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज भारद्वाज, सौरभ शर्मा और सचिन कुमार के खिलाफ मे भ्रष्टाचार के आरोप में 25 सितंबर 2019 को गाजियाबाद के ही लिंक रोड थाने में तत्काल इंस्पेक्टर लिंक रोड रहते ही एक केस दर्ज किया गया था। इन सभी के सभी पुलिसकर्मियों पर साढ़े 72 लाख रुपए का गायब करने का गम्भीर आरोप लगा था। हालांकि 4 सितंबर 2021 को मेरठ की ही एंटी करप्शन कोर्ट ने इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह सहित कई सारे पुलिसकर्मियों को भी भ्रष्टाचार के आरोप से बरी कर दिया और कहा कि ये पैसों के गबन का मामला है। इसलिए गाजियाबाद कोर्ट गबन का मुकदमा चलाने के बारे में इसपर विचार करे।