AIN NEWS 1: प्रयागराज के घूरपुर थाना प्रभारी केशव वर्मा को अपने ही थाने में लापरवाही के मामले में नामजद किया गया है। पुलिस कमिश्नर ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए पहले उन्हें लाइन हाजिर किया और फिर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
क्या है पूरा मामला?
घटना 25 सितंबर की है, जब घूरपुर थाना क्षेत्र के पवरी गांव निवासी बलराम यादव ने थाना प्रभारी को अपने और विपक्षी अर्पित जायसवाल के बीच हुए विवाद और मारपीट की शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन तत्कालीन थाना प्रभारी केशव वर्मा ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके बाद बलराम यादव ने मामले को हाईकोर्ट तक पहुंचाया। हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की और अधिकारियों को तलब किया। अदालत की सख्ती के बाद 25 नवंबर को बलराम यादव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई।
थाना प्रभारी पर क्या आरोप?
केशव वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने कर्तव्यों का पालन नहीं किया और क्रॉस एफआईआर दर्ज करने के बजाय एक पक्ष का समर्थन किया। इस मामले में उच्च अधिकारियों के आदेश के बावजूद रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद कार्रवाई
हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस कमिश्नर ने तुरंत कार्रवाई की। पहले केशव वर्मा को लाइन हाजिर किया गया और फिर घूरपुर थाने में ही उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 199 (कर्तव्यों के पालन में लापरवाही) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
आगे की कार्रवाई
घूरपुर थाने के उपनिरीक्षक भइयाराम विश्वकर्मा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई। उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार अब इस मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस की छवि पर सवाल
इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा, जिससे साफ होता है कि स्थानीय स्तर पर शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।
निष्कर्ष
यह घटना बताती है कि पुलिस में लापरवाही और मनमानी रवैये को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। उच्च अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई ने एक मिसाल पेश की है कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।