AIN NEWS 1 | साल 2025 से जन्म लेने वाले बच्चों को जेनरेशन बीटा (Generation Beta) का हिस्सा माना जाएगा। यह पीढ़ी जेनरेशन अल्फा के बाद आती है, जो 2013 से 2024 के बीच जन्मे बच्चों के लिए उपयोग की जाती थी। जेनरेशन बीटा की शुरुआत के साथ, अब एक नई पीढ़ी का आगमन हो चुका है।
भारत में पहला जेन बीटा:
भारत में जेनरेशन बीटा का पहला बच्चा मिजोरम राज्य में जन्मा है।
- बच्चे का नाम फ्रैंकी रखा गया है।
- जन्म का समय: 1 जनवरी 2025, रात 12:03।
- माता-पिता: जेड्डी रेमरुअत्संगा और रामजिरमावी।
जेनरेशन का बदलाव:
- जेनरेशन Z: 1997 से 2012 के बीच जन्मे लोग।
- जेनरेशन अल्फा: 2013 से 2024 के बीच जन्मे लोग।
- जेनरेशन बीटा: 2025 से शुरू होने वाली नई पीढ़ी।
क्यों रखा गया नाम ‘जेनरेशन बीटा’?
‘जेनरेशन बीटा’ नाम का प्रस्ताव समाज विज्ञानी मार्क मैक्रिंडल ने दिया। इस नाम के पीछे कई कारण हैं:
- तकनीकी प्रगति:
- इस पीढ़ी में बच्चों को इंटरनेट और तकनीकी सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी।
- घर बैठे सामान खरीदने, खाना मंगाने, और अन्य सुविधाएं एक क्लिक में मिलेंगी।
- कनेक्टिविटी का युग:
- यह पीढ़ी पूरी तरह से डिजिटल और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी पर आधारित होगी।
- नामकरण का चलन:
- पिछली पीढ़ियों (Z और अल्फा) के नामों के क्रम को जारी रखते हुए इसे ‘बीटा’ नाम दिया गया।
जेनरेशन बीटा की खासियत:
यह पीढ़ी एक ऐसी दुनिया में पलेगी, जहां इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और तकनीकी सुविधाएं जीवन का अभिन्न हिस्सा होंगी। बाहरी कामों के लिए लोगों को घर से निकलने की आवश्यकता कम होगी, और डिजिटल सेवाओं का अधिक उपयोग होगा।
निष्कर्ष:
जेनरेशन बीटा के साथ एक नई तकनीकी और डिजिटल युग की शुरुआत हो चुकी है। फ्रैंकी का जन्म न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में इस नई पीढ़ी के आगमन का प्रतीक है।