उत्तर प्रदेश:लखनऊ में पहुंच गई उड़ने वाली कार, सीएम योगी आदित्यनाथ भी बैठे, लोगों के लिए बनी आकर्षण का केन्द्र!

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AIN NEWS 1 लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहुंच गई उड़ने वाली कार और इस कार को देखकर हर कोई काफ़ी ज्यादा हैरान रह गया। शुक्रवार को ही इस कार में मुख्यमंत्री योगी भी बैठे तो वहा मौजूद लोग उन्हे देखते ही रह गये। इस कार को वहा पर लोगों ने करीब से भी देखा और इसके साथ में सेल्फी भी ली। अभी यह लखनऊ में दो दिनों तक और रहेगी। दरअसल आपकों बता दें लखनऊ में सेना दिवस 2024 समारोह की शुरुआत लखनऊ कैंट में ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल’ के साथ ही हुई है।

बहुप्रतीक्षित तीन-दिवसीय फेस्टिवलआज वहा पर बड़े ही उत्साह के साथ शुरू हुआ, क्योंकि इसमें सैन्य उपकरणों, मार्शल आर्ट, सैन्य बैंड और कई सारे अन्य आकर्षणों का मनमोहक प्रदर्शन भी किया गया। इस उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, उत्तर प्रदेश के ही कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा भी उपस्थित थे। इस अवसर को विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों, एनसीसी कैडेटों और लखनऊ के नागरिकों की भी काफ़ी उत्साही भागीदारी से और ज्यादा समृद्ध बनाया गया।

इस दौरान ही योगी आदित्यनाथ ने कहा मजबूत सेना ही एक सुरक्षित और संप्रभु राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करती है

इस अवसर पर ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा हमारे उन वीर सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने निज प्राणों की आहुति भी दे दी है। इस दौरान श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “भारतीय सेना देश के 140 करोड़ लोगों की शक्ति और साहस का प्रतीक है।” उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एक मजबूत सेना ही एक सुरक्षित और संप्रभु राष्ट्र की परिकल्पना को पूरी तरह से साकार कर सकती है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने दूसरी बार देश की राष्ट्रीय राजधानी से बाहर आयोजित किए जा रहे सेना दिवस के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि 76वें सेना दिवस परेड की मेजबानी के लिए मध्य कमान को ही चुना गया है, जिसका मुख्यालय भी लखनऊ में है।

इस दौरान सेना के बारे में समझ को बढ़ावा देने का लक्ष्य

इस दौरान आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस वर्ष सेना दिवस परेड की मेजबानी करना मध्य कमान और लखनऊ शहर के लिए बहुत ही गर्व का क्षण था। परंपरागत रूप से सेना दिवस परेड 2022 तक दिल्ली में ही आयोजित की जाती थी। लेकीन इस कार्यक्रम को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित करने के निर्णय का उद्देश्य केवल देश के सभी क्षेत्रों में भारतीय सेना के बारे में समझ को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना है। आर्मी कमांडर ने इस दौरान यह भी आश्वस्त किया कि भारतीय सेना और मध्य कमान इस क्षेत्र में सीमाओं पर सुरक्षा की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध भी है। आर्मी कमांडर ने स्कूली बच्चों और एनसीसी कैडेटों के साथ मे बातचीत करते हुए ही सैन्य प्रौद्योगिकी में प्रगति को समझने और उसकी सराहना करने के महत्व पर भी पूरा जोर दिया।

सेना के इन सभी हथियारों से रूबरू हुए बच्चे

आज नो योर आर्मी फेस्टिवल में दर्शकों को एक और लुभावनी प्रदर्शनी देखने को मिली जिसमें मार्शल आर्ट और नवीनतम सैन्य उपकरणों का भी शानदार प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शनी में टी-90 टैंक, भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक, स्वदेशी के-9 वज्र स्व-चालित आर्टिलरी बंदूक और भारत में ही निर्मित हथियार लोकेटिंग रडार (डब्ल्यूएलआर) स्वाति को भी शामिल किया गया हैं। इस कार्यक्रम में ही स्वदेशी रूप से निर्मित संस्करणों के साथ आत्मनिर्भर भारत की तकनीक-संचालित सेना को भी गर्व से प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त, इनफार्मेशन काउंटरों की एक श्रृंखला, सैन्य प्रदर्शन और एक रोमांचक quiz प्रतियोगिता भी इस कार्यक्रम का मुख्य भाग थे ।

यहां पर पूर्व सैनिकों के लिए भी लगा इन्फार्मेशन काउंटर

यहां पर पूर्व सैनिकों के लिए इनफार्मेशन काउंटर बहुत ही उपयोगी रहा, जो संसाधन, समर्थन और नेटवर्किंग का अवसर भी प्रदान करता है । जोनल भर्ती संगठन को भी युवाओं के साथ जुड़ने का मौका मिला, कैरियर के अवसरों और सैन्य सेवा में भी नवीनतम विकास के बारे में जानकारी प्रदान की गई। क्विज़ प्रतियोगिता, इस आयोजन का एक बहुत ही मुख्य आकर्षण थी, जिसमें प्रतिभागियों को एक चुनौतीपूर्ण लेकिन ज्ञानवर्धक प्रतियोगिता में शामिल भी किया गया, जहाँ विजेताओं को विशेष रूप से तैयार किए गए स्मृति चिन्ह से ही सम्मानित किया गया। इस दुर्लभ अवसर ने वहा उपस्थित लोगों को हमारे सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग की जाने वाली अत्याधुनिक तकनीकों को भी प्रत्यक्ष रूप से देखने का मौका मिला, जिससे भारतीय सेना और इसकी दुर्जेय ताकत के बारे में गहरी काफ़ी समझ विकसित हुई।

यहां हम आपको बता दें अभी दो दिन चलेगा फेस्टिवल

यहां इस बारे में जानकारी देते हुए मध्याकमान सेना प्रवक्ता शांतनु प्रताप सिंह ने ही बताया कि यह फेस्टिवल हमारे देश की रक्षा में योगदान देने वाले रणनीतिक संसाधनों और क्षमताओं के बारे में पूरी तरह जानकारी हासिल करने का एक अनूठा अवसर है। नो योर आर्मी फेस्टिवल, 7 जनवरी, शाम 4 बजे तक ही सभी नागरिकों के लिए पूरी तरह से खुला रहेगा। इसमें सभी लोग सेना से जुड़ी जानकारी को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

 

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