AIN NEWS 1 | FMRAI (Federation of Medical & Sales Representatives’ Associations of India) ने देश के मेहनतकश लोगों – मजदूरों, किसानों, प्रोफेशनल्स, छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों – को क्रांतिकारी बधाई दी है, जिनकी प्रतिबद्धता और सहभागिता से 9 जुलाई 2025 की देशव्यापी हड़ताल को एक ऐतिहासिक सफलता मिली।
FMRAI ने फार्मास्युटिकल और 39 अन्य उद्योगों में काम कर रहे सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों (SPEs) और संगठन के कैडर एवं नेतृत्व को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस आंदोलन को ज़मीन पर मजबूती से उतारा।
यह हड़ताल 18 मार्च 2025 को नई दिल्ली के प्यारे लाल भवन में आयोजित “नेशनल कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स” के फैसले के तहत की गई थी, जहां 17 सूत्रीय मांगों के समर्थन में 20 मई 2025 को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा हुई थी। हालांकि, पहलगांव की घटना के चलते यह तारीख स्थगित कर दी गई, लेकिन इससे कर्मचारियों की भावना और ऊर्जा पर कोई असर नहीं पड़ा।
इस हड़ताल ने पूरे देश में श्रमिकों, ट्रेड यूनियनों, स्वतंत्र संगठनों और किसान संगठनों को एकजुट कर दिया। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे लेबर कोड्स के विरोध में यह एक सशक्त प्रदर्शन था। तमाम सरकारी दमन और धमकियों के बावजूद, देश के हर राज्य में लोग सड़कों पर उतरे और अपनी आवाज़ बुलंद की।
FMRAI के बैनर तले SPEs ने इस हड़ताल में 11 सूत्रीय मांगों के साथ भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
चारों श्रम संहिताओं को रद्द करना
SPE एक्ट की सुरक्षा
केंद्र सरकार के अस्पतालों में SPE की एंट्री पर लगी रोक हटाना
₹26,910/- न्यूनतम वेतन
₹9,000/- न्यूनतम पेंशन
दवाइयों और मेडिकल उपकरणों पर GST हटाना
SPEs पर निगरानी और ट्रैकिंग को बंद करना
इस दिन देशभर में जम्मू से लेकर नागरकोइल तक, इम्फाल से जूनागढ़ तक FMRAI के सदस्य सड़कों पर उतरे। राज्य की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और कस्बों में रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और जनसभाओं का आयोजन किया गया।
इस ऐतिहासिक हड़ताल ने साफ संदेश दिया है कि देश की नीतियों को आम जनता और श्रमिकों के पक्ष में बदला जाना चाहिए, और कॉर्पोरेट घरानों के लिए चलाई जा रही सरकार की नीति को बंद किया जाना चाहिए।
On July 9, 2025, FMRAI spearheaded a historic General Strike across India, with support from sales promotion employees (SPEs), trade unions, peasants, and professionals. The strike opposed the Union Government’s controversial labour codes and demanded the protection of workers’ rights, including the repeal of four labour laws, fair minimum wages, and the removal of GST on medicines. Massive rallies were held from Jammu to Kanyakumari, showing strong nationwide resistance and solidarity.