AIN NEWS 1: लोकसभा में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सवालों का जवाब देते हुए, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के संबंध में भारत की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने इन देशों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सरकार की चिंता और सक्रिय दृष्टिकोण को साझा किया।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता: विदेश मंत्री ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वहां अल्पसंख्यकों पर कई हमले हुए हैं, जिससे भारत को चिंता है। “हमने इस विषय को बांग्लादेश के अधिकारियों के समक्ष उठाया है और हाल ही में विदेश सचिव ने ढाका का दौरा किया, जहां यह मुद्दा उनके साथ बातचीत में आया। हमारा यह उम्मीद है कि बांग्लादेश अपनी स्थिति के मद्देनजर ऐसे कदम उठाएगा जिससे वहां के अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित रहें।”
म्यांमार की स्थिति पर भारत की प्रतिक्रिया: म्यांमार में वर्तमान अस्थिरता और संघर्ष के कारण भारत को अपनी नीति पर पुनः विचार करना पड़ा है। डॉ. जयशंकर ने कहा, “म्यांमार में बहुत ही विकट हालात हैं, जिससे हमने अपनी खुली नीति पर पुनः विचार किया है। हालांकि, हम सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हैं और इस पर काम कर रहे हैं।” इसका अर्थ है कि भारत म्यांमार में मानवाधिकारों की स्थिति के बावजूद अपनी सीमा पर स्थित नागरिकों के हितों को प्राथमिकता देगा।
नेपाल के मुद्रा विवाद पर विदेश मंत्री का स्पष्ट बयान: नेपाल के साथ सीमा विवाद और हाल ही में नेपाल द्वारा अपनी मुद्रा के मुद्दे पर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का रुख सीमा मामलों में बिल्कुल स्पष्ट है। “हमारा सीमा विवाद पर रुख हमेशा साफ रहा है और यदि किसी पड़ोसी देश को लगता है कि किसी कदम से भारत अपनी स्थिति बदल देगा, तो उन्हें यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ऐसा नहीं होने वाला है। मुझे विश्वास है कि पूरा सदन मेरे इस बयान से सहमत होगा।”
इस तरह डॉ. एस. जयशंकर ने बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल से जुड़ी जटिल विदेश नीति पर भारत का रुख स्पष्ट किया, जिससे देश की सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को लेकर भारत की मजबूत स्थिति सामने आई।