AIN NEWS 1: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि हरिद्वार में गंगा का पानी पीने योग्य नहीं है। हालांकि, इसमें स्नान किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, गंगा में प्रदूषण की मात्रा अब भी अधिक है, जो इसे मानव पीने के लिए उपयुक्त नहीं बनाती है।
गंगाजल में प्रदूषण की स्थिति
रिपोर्ट में यह बताया गया कि हरिद्वार में गंगा के पानी में अपशिष्ट की मात्रा अधिक है, जो उसे पीने के लिए हानिकारक बना देती है। गंगा में बढ़ते प्रदूषण के कारण उसमें बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्वों की मौजूदगी बढ़ गई है, जिससे पानी पीने के लिए सुरक्षित नहीं रहता। हालांकि, गंगा में स्नान करने से कोई खास खतरा नहीं है, क्योंकि पानी की धाराओं में ये हानिकारक तत्व तेजी से घुल जाते हैं।
प्रदूषण में कमी आई है
हालांकि, यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि पिछले 5 सालों में हरिद्वार में गंगा के प्रदूषण स्तर में काफी कमी आई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जल निकासी और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के कारण गंगा में प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है। बावजूद इसके, गंगा का पानी पीने के लिए अभी भी साफ नहीं हुआ है और इसमें सुधार की आवश्यकता है।
गंगा सफाई अभियान की आवश्यकता
रिपोर्ट के अनुसार, हरिद्वार और अन्य गंगा किनारे के शहरों में सफाई अभियान को और तेज करने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि गंगा नदी में प्रदूषण के स्तर को और कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यह नदी भविष्य में न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी साफ और सुरक्षित बने।
निष्कर्ष
हरिद्वार में गंगा का पानी पीने योग्य नहीं है, लेकिन स्नान के लिए यह सुरक्षित माना जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि गंगा में प्रदूषण में कमी आई है, लेकिन गंगाजल की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।