AIN NEWS 1 : सूरत, 5 अक्टूबर: नवरात्रि के पावन अवसर पर गुजरात के सूरत में गरबा उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर गरबा नृत्य कर रहे हैं, जिससे शहर का माहौल जीवंत हो गया है। गरबा नृत्य गुजरात की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसे हर वर्ष नवरात्रि के दौरान विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है।
गरबा का महत्व
गरबा एक पारंपरिक नृत्य है, जो मुख्य रूप से देवी दुर्गा की पूजा के दौरान किया जाता है। इस नृत्य का मुख्य उद्देश्य श्रद्धा के साथ देवी की आराधना करना और समाज में एकता का संचार करना है। नवरात्रि के नौ दिनों में, भक्त रातभर गरबा करते हैं और देवी माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
सूरत का गरबा उत्सव
#WATCH | Gujarat: Visuals from Surat, where a large number of people perform Garba, on the occasion of #Navratri (05/10) pic.twitter.com/xiGyAiTLKv
— ANI (@ANI) October 6, 2024
सूरत में, नवरात्रि के इस पर्व का आयोजन बड़े पैमाने पर किया गया है। शहर के विभिन्न स्थानों पर गरबा मंडलियों द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। लोग पारंपरिक कपड़े पहनकर, उत्साह के साथ गरबा करते नजर आ रहे हैं। सूरत की गलियां गरबा की धुनों से गूंज रही हैं और हर तरफ खुशी का माहौल है।
सामुदायिक सहभागिता
इस साल के गरबा उत्सव में विभिन्न आयु वर्ग के लोग भाग ले रहे हैं। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी मिलकर गरबा का आनंद ले रहे हैं। इससे समाज में सामुदायिक भावना और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा मिल रहा है। लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर नृत्य कर रहे हैं, जिससे एकता और सद्भाव का संदेश फैल रहा है।
सुरक्षा और सुविधाएं
गरबा कार्यक्रमों को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने भी विशेष प्रबंध किए हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और लोगों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था भी की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में मदद उपलब्ध हो सके।
निष्कर्ष
गुजरात का गरबा नृत्य केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एकजुटता, श्रद्धा और खुशी का प्रतीक है। सूरत में हो रहे इस गरबा महोत्सव ने नवरात्रि के उत्सव को और भी खास बना दिया है। लोगों की सक्रिय भागीदारी और उत्साह से यह साफ है कि गरबा नृत्य के प्रति प्रेम और सम्मान आज भी जीवित है। इस नवरात्रि, हर कोई गरबा के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है, जिससे यह पर्व और भी खास हो गया है।