AIN NEWS 1: हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक नया नियम लागू किया है। अब, हिमाचल प्रदेश में यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों को अपने साथ एक गार्बेज बैग ले जाना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य है कि पर्यटक अपने कचरे को वापस ले जाएं और स्थानीय पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखें।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में पर्यावरण से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुशील कुकरेजा की बेंच ने आदेश दिया कि राज्य में पर्यावरणीय वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए गार्बेज बैग की अनिवार्यता लागू की जाए। कोर्ट ने कहा कि पर्यटकों को अपनी यात्रा के दौरान अपने कचरे को साथ ले जाने के लिए गार्बेज बैग रखना होगा।
सस्टेनेबल टूरिज्म और गार्बेज बैग
19 जुलाई को हाई कोर्ट की सुनवाई के दौरान बेंच ने सुझाव दिया कि हिमाचल प्रदेश को गोवा और सिक्किम से सीख लेनी चाहिए। इन राज्यों में भी पर्यटकों को अपने साथ कचरा बैग ले जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंसियां और वाहन चालक भी कचरा उठाने और डिस्पोजल के बारे में जानकारी देने के लिए जिम्मेदार होंगे।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज और ग्रीन टैक्स
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मार्च में राज्य सरकार से अनुरोध किया था कि वह पर्यटकों पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज लगाए। जुलाई में हुई सुनवाई में कोर्ट ने यह भी कहा कि कुल्लू, मनाली, सिस्सु और कोकसर में ग्रीन टैक्स लगाया जा रहा है, लेकिन इसका ऑडिट नहीं किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित नहीं हो पा रहा कि वेस्ट मैनेजमेंट का सही तरीके से उपयोग हो रहा है।
कोर्ट ने राज्य में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने का भी आदेश दिया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रीन टैक्स का उपयोग सही तरीके से हो।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में लागू हुए इस नए नियम से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और पर्यटन स्थलों को स्वच्छ बनाए रखा जा सकेगा। पर्यटकों को यात्रा के दौरान अपने कचरे का जिम्मा खुद उठाना होगा, ताकि पहाड़ी राज्य की सुंदरता और स्वच्छता बनी रहे।