GDA Supervisor Caught Red-Handed Taking Rs 2 Lakh Bribe in Muradnagar, Anti-Corruption Raid Exposes Ghaziabad Illegal Constructions
रिश्वतखोरी में रंगे हाथ पकड़ा गया GDA सुपरवाइजर, एंटी करप्शन टीम की मुरादनगर में बड़ी कार्रवाई
AIN NEWS 1 गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। मुरादनगर क्षेत्र में तैनात GDA के सुपरवाइजर को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन विभाग ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी सुपरवाइजर राजकुमार को उस समय पकड़ा गया जब वह एक स्थानीय व्यापारी से बिना नक्शा पास कराए निर्माण की अनुमति देने के बदले रिश्वत ले रहा था।
मुरादनगर और मोदीनगर में चल रहा है अवैध निर्माण का खेल
मुरादनगर और मोदीनगर क्षेत्र में 1000 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के काटी जा रही हैं। इन इलाकों में न तो किसी नक्शे को पास कराया गया है और न ही भूमि का लैंड यूज़ बदला गया है। किसानों की कृषि भूमि पर सीधे प्लॉटिंग की जा रही है, और अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब खुलेआम हो रहा है।
GDA जेई ने मांगी थी 5 लाख की रिश्वत
सुराना गांव निवासी सुरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति रावली रोड पर एक ऑफिस का निर्माण कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्थानीय GDA जेई अजीत कुमार ने उनसे बिना नक्शा पास कराए निर्माण की अनुमति देने के बदले 5 लाख रुपये की मांग की थी। जब सुरेंद्र ने रिश्वत देने से मना किया, तो जेई ने उनके ऑफिस को गिराने की धमकी दे डाली।
शिकायत के बाद पहुंची एंटी करप्शन टीम
पीड़ित सुरेंद्र कुमार ने मेरठ स्थित एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद निरीक्षक दुर्गेश कुमार और मयंक अरोड़ा के नेतृत्व में टीम मुरादनगर पहुंची। उन्होंने योजना के तहत पीड़ित को 2 लाख रुपये के केमिकल लगे नोट देकर आरोपितों को बुलाने को कहा।
फिल्मी अंदाज में की गई गिरफ्तारी
निर्धारित स्थान चुंगी नंबर 3 पर जब सुपरवाइजर राजकुमार रकम लेने पहुंचा, तो टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इस दौरान जेई अजीत कुमार थोड़ी दूरी पर खड़ा था और टीम को देखते ही मौके से भाग निकला। टीम ने उसका पीछा करने की कोशिश की लेकिन वह भागने में सफल रहा।
केमिकल लगे नोटों ने किया भ्रष्टाचार उजागर
जैसे ही सुपरवाइजर ने नोटों को हाथ में लिया, केमिकल से उसके हाथ लाल हो गए। इससे यह स्पष्ट हो गया कि उसने रिश्वत ली है। विभाग ने बरामद रकम को सील कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
सुपरवाइजर निलंबित, जेई फरार
गिरफ्तार सुपरवाइजर राजकुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। एंटी करप्शन टीम अब फरार चल रहे JE अजीत कुमार की तलाश में जुटी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन को कार्रवाई हेतु पत्र भेजा जाएगा।
GDA के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा:
“हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है और जेई पर विभागीय जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
एंटी करप्शन निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने बताया:
“हमने योजना बनाकर रिश्वत लेते रंगे हाथ सुपरवाइजर को पकड़ा है। JE अजीत कुमार की तलाश जारी है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
इस पूरे मामले ने GDA में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। मुरादनगर और मोदीनगर जैसे क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण और अधिकारियों की मिलीभगत से रिश्वतखोरी साफ दिख रही है। अब जब एंटी करप्शन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है, तो उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और आम नागरिकों को राहत।
In a major anti-corruption breakthrough, a GDA supervisor was caught red-handed taking a Rs 2 lakh bribe in Muradnagar, Ghaziabad. The Anti-Corruption Bureau exposed the rampant illegal plotting and construction in the region, implicating Ghaziabad Development Authority (GDA) officials including a JE who is currently absconding. This corruption case highlights deep-rooted issues of land scams and bribery within the GDA, prompting further investigations and departmental action.