AIN NEWS 1 | गाज़ियाबाद में खनन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार मांदड़ ने विशेष निर्णय लिया है। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. संतोष कुमार उपाध्याय को जिले में खनन कार्यों का विशेष प्रभार सौंपा। यह कदम मुख्य रूप से अवैध खनन पर अंकुश लगाने, खनन में पारदर्शिता बनाए रखने और सरकारी राजस्व की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
खनन गतिविधियाँ यदि अनियंत्रित रहें तो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी भारी क्षति होती है। ऐसे में प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रभार ग्रहण और दिशा-निर्देश
सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. संतोष कुमार उपाध्याय ने प्रभार ग्रहण करते ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिले में किसी भी स्तर पर अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने खनन पट्टाधारकों, संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी कि यदि कहीं भी नियमों का उल्लंघन पाया गया तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि खनन गतिविधियों पर निगरानी के लिए खनन विभाग और पुलिस प्रशासन के साथ एक संयुक्त टीम गठित की जाएगी। यह टीम नियमित रूप से विभिन्न खनन स्थलों का निरीक्षण करेगी और अवैध खनन की गतिविधियों पर सख्ती से नजर रखेगी।
परिवहन और अवैध खनिज नियंत्रण
खनन के साथ जुड़े परिवहन वाहनों की भी सख्त जांच की जाएगी। डॉ. उपाध्याय ने कहा कि अवैध खनिज परिवहन की रोकथाम प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इस उपाय से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल अनुमति प्राप्त खनिजों का ही परिवहन हो और किसी प्रकार की अनियमित गतिविधि न हो।
पर्यावरण संरक्षण और नियम पालन
सिटी मजिस्ट्रेट ने यह भी स्पष्ट किया कि खनन कार्य केवल निर्धारित मानकों और अनुमति के दायरे में ही किए जाएंगे। अवैध खनन न केवल प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी हानिकारक है।
खनन से उत्पन्न पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि खनन गतिविधियाँ सुरक्षित, पारदर्शी और नियमों के अनुरूप हों। डॉ. उपाध्याय ने कहा कि राजस्व की हानि रोकना और पर्यावरण संरक्षण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
प्रशासन की सख्ती
जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार मांदड़ ने इस प्रभार सौंपने के पीछे यह अपेक्षा जताई है कि सिटी मजिस्ट्रेट के सख्त रुख और निरंतर निगरानी से जिले में अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी भी स्तर पर नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. उपाध्याय ने भी अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए कि वे अपने कार्य क्षेत्र में ईमानदारी, पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करें। उनका कहना है कि केवल कड़ाई से ही खनन गतिविधियों पर नियंत्रण संभव है और इससे राजस्व की हानि को रोका जा सकता है।
टीम गठित और निगरानी प्रक्रिया
खनन विभाग और पुलिस प्रशासन के सहयोग से गठित टीम का काम यह सुनिश्चित करना होगा कि:
खनन स्थल पर सभी नियमों का पालन हो।
अवैध खनिज उत्खनन और परिवहन पर नजर रखी जाए।
नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए।
समय-समय पर निरीक्षण कर प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि निरीक्षण और निगरानी केवल दिखावा नहीं होगा, बल्कि व्यवहारिक सुधार और नियमों के पालन को सुनिश्चित किया जाएगा।
उद्देश्य और अपेक्षाएँ
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस प्रभार के पीछे प्रशासन की मुख्य उद्देश्य हैं:
जिले में खनन कार्यों में पारदर्शिता लाना।
अवैध खनन पर कड़ा अंकुश लगाना।
खनन से जुड़ी राजस्व हानि को रोकना।
पर्यावरणीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना।
अधिकारियों और कर्मचारियों में जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठा बढ़ाना।
गाज़ियाबाद प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि खनन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी जारी रहेगी। सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. संतोष कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में यह कदम जिले में अवैध खनन को रोकने, पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने और सरकारी राजस्व की रक्षा करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस पहल से न केवल प्रशासनिक अनुशासन में सुधार आएगा, बल्कि खनन उद्योग में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नियम पालन की नई संस्कृति विकसित होगी।