Ghaziabad Cop Sohail Khan Controversy: Selfie in Temple on Janmashtami with Islamic Status Sparks Outrage
गाजियाबाद: जन्माष्टमी पर मंदिर में सेल्फी और वॉट्सऐप स्टेटस से मचा बवाल, सिपाही सोहेल खान लाइन हाजिर
AIN NEWS 1: गाजियाबाद जिले के मधुबन बापूधाम थाने में तैनात सिपाही सोहेल खान ने जन्माष्टमी के दिन मंदिर जाकर एक सेल्फी ली। सामान्य लग रही यह तस्वीर विवाद का कारण तब बनी जब उन्होंने इसे वॉट्सऐप स्टेटस पर साझा किया।
वॉट्सऐप स्टेटस में क्या था खास?
स्टेटस में बैकग्राउंड धुन पर एक इस्लामिक पंक्ति सुनाई दे रही थी—
“अल्लाह के अलावा कोई और इबादत के लायक नहीं है।”
यानी अंग्रेजी में—“There is no God but Allah, and none is worthy of worship except Him.”
विवाद क्यों और कैसे भड़का?
जन्माष्टमी का त्योहार हिंदू समुदाय के लिए सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है। मंदिरों में लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसे अवसर पर मंदिर की तस्वीर के साथ इस्लामिक पंक्ति का इस्तेमाल करना कई लोगों को आपत्तिजनक लगा।
हिंदू संगठनों की नाराज़गी
संगठनों ने आरोप लगाया कि यह कदम जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है।
उनका कहना था कि इस तरह के कार्य समाज में तनाव फैला सकते हैं।
कई संगठनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
जैसे ही मामला सामने आया, गाजियाबाद पुलिस हरकत में आ गई।
त्वरित कार्रवाई
सिपाही सोहेल खान को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया गया।
विभागीय जांच का आदेश दिया गया।
जांच की जिम्मेदारी एसीपी कविनगर को सौंपी गई।
सोशल मीडिया पर बहस
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह मामला तेजी से वायरल हो गया।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ
कुछ लोगों ने इसे धार्मिक असंवेदनशीलता करार दिया।
कुछ का कहना था कि यह व्यक्ति की निजी आस्था है और इसे जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है।
वहीं कई लोग यह भी पूछने लगे कि क्या पुलिसकर्मियों को ऐसी गतिविधियाँ करनी चाहिए जो विवाद का कारण बनें।
धार्मिक भावनाएँ और जिम्मेदारी
भारत जैसे विविधताओं वाले देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखना बेहद जरूरी है।
पुलिसकर्मियों से अपेक्षा
वे समाज में कानून और व्यवस्था के रक्षक माने जाते हैं।
उनसे उम्मीद की जाती है कि वे ऐसा कोई कार्य न करें जिससे धार्मिक भावनाएँ आहत हों।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी को धार्मिक अभिव्यक्ति सार्वजनिक मंच पर साझा करनी चाहिए।
हिंदू संगठनों की मांग
हिंदू संगठनों ने साफ कहा कि अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े पैमाने पर विरोध करेंगे।
उनका कहना है—
मंदिर आस्था का केंद्र है।
वहाँ इस तरह का प्रदर्शन अस्वीकार्य है।
इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन का रुख
गाजियाबाद पुलिस ने साफ किया है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है।
अगला कदम
फिलहाल सिपाही लाइन हाजिर है।
जांच पूरी होने पर ही आगे की कार्रवाई होगी।
यदि दोषी पाया गया तो सख्त दंड मिलेगा।
यह घटना बताती है कि सोशल मीडिया पर एक छोटा-सा कदम भी बड़े विवाद का रूप ले सकता है। धार्मिक स्थल और आस्था से जुड़े मुद्दों पर सभी को संवेदनशीलता बरतनी चाहिए।
खासकर सरकारी पदों पर बैठे लोगों को यह समझना जरूरी है कि उनके हर कार्य का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है
The Ghaziabad controversy involving police constable Sohail Khan has raised serious concerns about religious sensitivity in India. On the occasion of Janmashtami, Khan posted a selfie inside a temple with an Islamic status saying “No God but Allah, none worthy of worship except Him.” The WhatsApp status quickly went viral, sparking protests from Hindu groups. Authorities responded by suspending the constable and ordering an inquiry. This incident highlights the growing tension around religious sentiments, social media usage, and law enforcement responsibility in India.