Illegal Bribe in Ghaziabad Dasna Jail: Petition Writer’s License Cancelled After Sting Operation
गाजियाबाद डासना जेल में मुलाकात के नाम पर अवैध वसूली, पिटीशन लेखक का लाइसेंस निरस्त
AIN NEWS 1 गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): डासना जिला कारागार में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला सामने आया है। जेल के बाहर कैदियों से मिलने आने वालों की पर्ची बनाने के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूले जा रहे थे। इस पूरे मामले की जानकारी मिलने पर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने खुद मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और दोषी पिटीशन लेखक का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
शिकायत से खुलासा तक की पूरी कहानी
जेल अधीक्षक को लगातार शिकायत मिल रही थी कि मुलाकात घर के बाहर कुछ लोग मुलाकात पर्ची बनाने के बदले आम जनता से अधिक पैसे ले रहे हैं। शासन की ओर से निर्धारित दर 10 रुपये है, लेकिन शिकायत के अनुसार अधिक रकम ली जा रही थी।
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जेल अधीक्षक ने सामान्य कपड़ों में खुद अपनी टीम के साथ छापेमारी करने का निर्णय लिया। वे मुलाकात घर पहुंचे और देखा कि पिटीशन लेखक कुलदीप नामक व्यक्ति लोगों से पर्ची बनाने के नाम पर निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे ले रहा है।
जेल अधीक्षक की कार्रवाई
मौके पर ही अधीक्षक ने सबूतों की पुष्टि की और पाया कि कुलदीप वाकई में लोगों से अवैध वसूली कर रहा है। तत्पश्चात उन्होंने बिना देरी किए कुलदीप का लाइसेंस रद्द कर दिया और उसे पर्ची बनाने के स्थान से हटवा दिया।
सीताराम शर्मा ने बताया कि डासना जेल में करीब 400 कैदी बंद हैं और प्रतिदिन लगभग 300 लोग उनसे मिलने आते हैं। मुलाकात पर्चियों के लिए वहां पांच अधिकृत पिटीशन लेखक नियुक्त किए गए हैं। इन सभी को जेल प्रशासन द्वारा प्रमाणित किया गया था।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कोशिश
अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि मुलाकात पर्ची शुल्क शासन द्वारा केवल 10 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त कोई भी शुल्क लेना नियमों के विरुद्ध है। इस कार्रवाई से यह संकेत गया है कि जेल प्रशासन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
जेल अधीक्षक ने अन्य पिटीशन लेखकों को भी चेतावनी दी कि अगर भविष्य में किसी के खिलाफ भी ऐसी शिकायत मिली तो उसके खिलाफ भी तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर कड़ा संदेश
इस पूरे घटनाक्रम ने जेल प्रशासन के भीतर मौजूद भ्रष्टाचार के एक हिस्से को उजागर कर दिया है। हालांकि, जेल अधीक्षक की तत्परता से यह साफ है कि वे पारदर्शिता और ईमानदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
जनता को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
जेल प्रशासन ने मुलाकातियों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह की अवैध वसूली की सूचना तुरंत जेल अधीक्षक या अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को दें। किसी भी पर्ची के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक ना दें और रसीद अवश्य लें।
गाजियाबाद की डासना जेल में हुई यह कार्रवाई जेल प्रशासन की सजगता और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल भ्रष्टाचार करने वालों को सबक मिलेगा, बल्कि आम जनता का प्रशासन पर भरोसा भी बढ़ेगा।
यदि आप किसी कैदी से मिलने जा रहे हैं तो जेल द्वारा निर्धारित प्रक्रिया और शुल्क की जानकारी पहले ही प्राप्त करें। किसी भी प्रकार की अवैध मांग का विरोध करें और जरूरत पड़ने पर सीधे जेल अधीक्षक से संपर्क करें।
In a shocking revelation from Dasna Jail in Ghaziabad, a petition writer named Kuldeep was found illegally collecting bribes from people visiting inmates. The jail superintendent conducted a surprise raid and verified the allegations. As a result, the petition writer’s license was immediately cancelled. This incident highlights a growing concern about corruption in the prison system of Uttar Pradesh and shows the importance of administrative vigilance. Keywords like Ghaziabad jail, Dasna bribery, and petition writer license cancelled will help raise awareness around such jail misconduct cases.