AIN NEWS 1 गाजियाबाद। कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदेय स्थलों में अनुभाग (सेक्शन) का सृजन, मतदाता सूची में सुधार, 100 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं का सत्यापन और एनजीएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर दिशा-निर्देश देना था।
एनजीएस पोर्टल पर शिकायतों का निस्तारण
जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि एनजीएस पोर्टल पर दर्ज सभी शिकायतों का निस्तारण स्वयं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी करें। शिकायत का निस्तारण करने के बाद संबंधित शिकायतकर्ता को फोन पर जानकारी देना भी अनिवार्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वीआरसी ऑपरेटर द्वारा की गई लापरवाही से शिकायतें दोबारा खुल जाती हैं, जिससे निस्तारण की गुणवत्ता प्रभावित होती है। अतः जिस तरह आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायतें निस्तारित की जाती हैं, उसी मानक पर एनजीएस पोर्टल की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित किया जाए।
मतदाता सूची में सुधार
बैठक में कहा गया कि मतदाता सूची को त्रुटि-मुक्त बनाना प्राथमिकता है।
धुंधली या खराब फोटो को बदला जाए।
मृत या शिफ्टेड मतदाताओं के नाम हटाए जाएं।
जिन मतदाताओं की जन्मतिथि या आयु में गलती है, उनके फॉर्म भरवाकर संशोधन किया जाए।
सभी प्रविष्टियों की जांच बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर की जाएगी और एईआरओ व सुपरवाइजर इसकी निगरानी करेंगे।
निर्देश दिए गए कि इस कार्य को सितंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाए।
100 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं का सत्यापन
निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 100 साल से अधिक आयु वाले मतदाताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन बीएलओ के माध्यम से अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र 10 सितंबर 2025 तक उपलब्ध कराना होगा।
इस प्रक्रिया में:
मृतक मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे।
आयु संबंधी त्रुटियों को ठीक किया जाएगा।
हर मतदाता की जानकारी नियमों के अनुसार अद्यतन की जाएगी।
मतदेय स्थलों का विभाजन और अनुभाग सृजन
बैठक में कहा गया कि जिन बूथों पर 1200 से अधिक मतदाता हैं, उनका विभाजन कर नए मतदेय स्थल बनाए जाएं।
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार:
किसी परिवार को अलग-अलग अनुभागों में नहीं बांटा जाएगा।
एक ही भवन या गली के मतदाताओं को एक ही सेक्शन में रखा जाएगा।
ऐसा सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी मतदाता को अपने मतदान स्थल तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े और न ही किसी प्राकृतिक बाधा को पार करना पड़े।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा कि वर्तमान में कई मतदान केंद्रों में केवल 1-2 सेक्शन ही बने हुए हैं, जबकि आवश्यकता के अनुसार अधिक सेक्शन खोले जाएं। इससे परिवार या कॉलोनी के मतदाताओं को दूसरे मतदान केंद्र में स्थानांतरित नहीं करना पड़ेगा।
राजनीतिक दलों के साथ समन्वय
निर्वाचन कार्यों में पारदर्शिता और विश्वास बनाए रखने के लिए सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे समय-समय पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें। बीएलओ और राजनीतिक दलों के बीएलए के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने पर भी जोर दिया गया।
बीएलओ और एईआरओ की जिम्मेदारी
बीएलओ को डोर-टू-डोर जाकर सत्यापन करना होगा।
सुपरवाइजर उनकी कार्यप्रणाली की जांच करेंगे।
एईआरओ को निगरानी के साथ-साथ रिपोर्ट को सत्यापित करने की जिम्मेदारी भी होगी।
सभी कार्य पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ कराए जाएं।
इसके अलावा, ईपीआईसी (EPIC) कार्ड घर-घर पहुंचाने के लिए डाक विभाग के पोस्टमैनों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश देने के भी आदेश दिए गए।
पारदर्शिता और जवाबदेही
बैठक के अंत में जिला निर्वाचन अधिकारी ने अधिकारियों को आगाह किया कि सत्यापित रिपोर्ट की जवाबदेही संबंधित अधिकारी की ही होगी। यदि कहीं पर कमी या लापरवाही पाई गई तो उसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर संबंधित अधिकारी की होगी।
गाजियाबाद में हुई इस बैठक का उद्देश्य आगामी चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराना है। मतदाता सूची को सही और अद्यतन रखना, 100 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं का सत्यापन, शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण और मतदान स्थलों का व्यवस्थित विभाजन—ये सभी कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।