नजीर गैंग का बड़ा खुलासा: गाजियाबाद में 12 इंश्योरेंस कंपनियों की ऐप में टेंपरिंग कर 25,000 लोगों को बेचा फर्जी बीमा!

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Ghaziabad Fake Insurance Scam: 25,000 Victims Cheated by Tampering 12 Insurance Apps

गाजियाबाद में फर्जी इंश्योरेंस घोटाला: 12 कंपनियों की ऐप में टेंपरिंग कर 25,000 लोगों से ठगी

AIN NEWS 1: गाजियाबाद से एक बड़े इंश्योरेंस घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें 25,000 से अधिक लोगों से फर्जी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी की गई है। इस घोटाले में आरोपियों ने 12 बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों की मोबाइल ऐप्स के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी बीमा पॉलिसियां तैयार कीं और देशभर में बेचीं।

कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश?

यह मामला तब सामने आया जब ICICI लोम्बार्ड इंश्योरेंस कंपनी को एक कोर्ट केस के दौरान शक हुआ। एक एक्सीडेंटल क्लेम में जब कंपनी ने पॉलिसी चेक की, तो पाया गया कि जो पॉलिसी चार पहिया वाहन के लिए होनी चाहिए थी, वह दोपहिया वाहन के नाम पर जारी की गई थी। इसके बाद कंपनी ने आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें एक के बाद एक कई फर्जी पॉलिसी सामने आईं।

क्राइम ब्रांच की जांच और गिरफ्तारी

ICICI लोम्बार्ड की शिकायत पर गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और दो आरोपियों – दीपक और नजीर – को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी इंश्योरेंस के क्षेत्र में पहले से जुड़े हुए थे और एक आरोपी को इंश्योरेंस कंपनी की ओर से अधिकृत कोड भी मिला हुआ था। इस कोड का उपयोग कर वह बीमा पॉलिसी जनरेट कर सकता था।

फर्जीवाड़े का तरीका

आरोपी पुराने चार पहिया वाहनों की थर्ड पार्टी पॉलिसी निकालने की बजाय उन्हें दोपहिया वाहनों के नाम पर दिखाकर सस्ती पॉलिसी जनरेट कर देते थे। इससे न सिर्फ उन्हें फायदा होता था, बल्कि पॉलिसी खरीदने वालों को भी कम रकम में बीमा मिल जाता था। लेकिन असलियत में, यह बीमा क्लेम के समय किसी काम का नहीं था।

आरोपी बीमा कंपनियों की ऐप्स में तकनीकी छेड़छाड़ कर जानकारी बदल देते थे। उन्होंने केवल ICICI लोम्बार्ड ही नहीं, बल्कि चोलामंडलम समेत कुल 12 इंश्योरेंस कंपनियों के ऐप्स के साथ छेड़छाड़ की और फर्जी बीमा पॉलिसियां बनाईं।

आरोपियों की उम्मीद और असलियत

आरोपियों को यह उम्मीद थी कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्लेम का अनुपात बहुत कम होता है, इसलिए उनकी धोखाधड़ी कभी पकड़ी नहीं जाएगी। लेकिन जब एक मामला कोर्ट पहुंचा और जांच हुई, तो पूरा मामला खुल गया।

क्या मिला पुलिस को?

गाजियाबाद पुलिस ने जब आरोपियों को गिरफ्तार किया, तब उनके पास से 84 फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसियां और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि अकेले गाजियाबाद में ही उन्होंने 100 से अधिक फर्जी पॉलिसियां बेची थीं।

क्यों है यह खतरा आम लोगों के लिए?

अगर आपने भी हाल ही में अपनी चार पहिया गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लिया है, तो सावधान हो जाइए। हो सकता है कि आपको भी दोपहिया के नाम पर फर्जी बीमा बेचा गया हो। अगर ऐसा है, तो किसी दुर्घटना की स्थिति में आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है और आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कैसे करें अपनी पॉलिसी की जांच?

1. अपनी बीमा पॉलिसी को बीमा कंपनी की वेबसाइट या ऐप पर जाकर वैरिफाई करें।

2. वाहन नंबर, इंजन नंबर और चेसिस नंबर की जानकारी पॉलिसी से मिलान करें।

3. अगर कोई गड़बड़ी नजर आए तो तुरंत बीमा कंपनी से संपर्क करें।

4. गाड़ी का बीमा हमेशा अधिकृत एजेंट या सीधे कंपनी की वेबसाइट से ही कराएं।

गाजियाबाद में सामने आया यह मामला न केवल बीमा धोखाधड़ी का बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग करके आम लोगों को चूना लगाया जा रहा है। जरूरी है कि लोग जागरूक रहें और अपनी बीमा पॉलिसियों की सही तरीके से जांच करें।

A massive fake insurance scam has come to light in Ghaziabad, where cyber criminals tampered with apps of 12 insurance companies including ICICI Lombard and Chola Mandalam. Over 25,000 people across India were cheated with fake third-party motor insurance policies. The Ghaziabad crime branch arrested key members of the gang who sold fraudulent policies for four-wheelers under two-wheeler details to save costs. This incident highlights growing insurance fraud in India and the urgent need for customers to verify their vehicle insurance details.

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