AIN NEWS 1 | गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश – कवि नगर थाना क्षेत्र की एक पॉश सोसाइटी में 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य अभी फरार हैं। घटना 13 जुलाई की दोपहर की बताई जा रही है।
इंस्टाग्राम पर हुई थी दोस्ती
पुलिस के अनुसार, पीड़िता की इंस्टाग्राम पर एक युवक से बातचीत हुई थी, जिसके बाद आरोपी ने मिलने के बहाने पीड़िता को बुलाया। जब युवक को यह पता चला कि लड़की घर पर अकेली है, तो वह अपने तीन साथियों के साथ उसके घर पहुंचा।
घर में घुसकर किया गैंगरेप
चारों युवकों ने मिलकर लड़की को जबरन कमरे में बंद कर दिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना के समय पीड़िता की मां बाजार गई हुई थीं। कुछ देर बाद जब मां घर लौटीं तो दरवाजा खुला पाया। अंदर जाने पर उन्होंने चारों युवकों को बेटी के कमरे में देखा। मां ने समझदारी दिखाते हुए फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और परिजनों व पुलिस को सूचना दी।
पुलिस पहुंचने से पहले भागे आरोपी
हालांकि, पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों की लापरवाही के चलते आरोपी भागने में सफल हो गए। 14 जुलाई को पीड़िता के पिता ने इस घटना की लिखित शिकायत कवि नगर थाने में दर्ज कराई।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 (2) और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(g)/6 के तहत मामला दर्ज किया है। एसीपी कवि नगर भास्कर वर्मा ने बताया कि दो आरोपियों – लक्की और दीपराज – को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी तुषार और एक अन्य नाबालिग की तलाश की जा रही है।
पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया
पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करा लिया है और अन्य कानूनी कार्यवाही जारी है। एसीपी ने बताया कि फरार आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए टीम लगातार दबिश दे रही है। घटना को लेकर इलाके में आक्रोश का माहौल है।
परिजनों ने की आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग
घटना के बाद पीड़िता मानसिक रूप से सदमे में है। परिजनों ने आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।
सोशल मीडिया पर निगरानी की जरूरत
यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि सोशल मीडिया के जरिए मासूम बच्चों को किस तरह निशाना बनाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए और साइबर जागरूकता समय की मांग बन चुकी है।