Accused of Mixing Saliva in Juice During Fasting in Ghaziabad, Shopkeeper Allegedly Used Fake Hindu Identity
गाजियाबाद में व्रतधारियों को थूक मिला जूस पिलाने का आरोप, दुकानदार पर फर्जी हिंदू नाम का भी शक
AIN NEWS 1: गाजियाबाद के एक पॉश इलाके गौड़ सिद्धार्थम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कुछ व्रतधारी लोगों ने एक जूस विक्रेता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन लोगों का कहना है कि उन्होंने व्रत के दौरान जूस पीया, लेकिन बाद में उन्हें शक हुआ कि उस जूस में दुकानदार ने थूक मिलाया था। मामला तब और पेचीदा हो गया जब पता चला कि दुकानदार ने न केवल अपनी असली पहचान छुपाई थी, बल्कि एक हिंदू नाम और प्रतीकों का उपयोग करके दुकान चला रहा था।
क्या है पूरा मामला?
बताया गया है कि आरोपी व्यक्ति “भारत” नाम से जूस कार्नर चला रहा था। वह अपने हाथ में कलावा भी बांधे हुए था और खुद को हिंदू बताता था। लेकिन जब व्रतधारियों को शक हुआ कि उसने जूस में थूक मिलाया है, तो उन्होंने उससे सवाल किए। धीरे-धीरे सामने आया कि वह व्यक्ति असल में मुस्लिम है और जानबूझकर हिंदू नाम से दुकान चला रहा था ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दुकानदार का व्यवहार संदिग्ध था। व्रतधारियों ने जब उससे सवाल किए तो उसने बात को टालने की कोशिश की। लेकिन कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिससे मामला चर्चा में आ गया।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद व्रतधारी लोगों ने डायल 112 पर कॉल किया और पुलिस को मौके पर बुलाया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि पुलिस ने शुरू में शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाए कि जूस में थूक मिलाया गया है और दुकानदार ने अपनी असली पहचान छुपाई है, फिर भी पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
जब शिकायतकर्ताओं को लगा कि उनकी बात अनसुनी की जा रही है, तो उन्होंने देर रात लोनी क्षेत्र के विधायक नंदकिशोर गुर्जर को फोन किया और पूरी घटना से अवगत कराया।
विधायक का हस्तक्षेप और बयान
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने खुद पुलिस अधिकारियों से बात की और नाराजगी जताई कि इस तरह की घटनाएं श्रावण माह जैसे पवित्र समय में हो रही हैं। उन्होंने कहा:
“इस तरह का कार्य निंदनीय है और किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
उनके हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया।
सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से मामला संवेदनशील
यह घटना सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने से जुड़ा हुआ मामला है। श्रावण माह में जब श्रद्धालु उपवास रखते हैं और पूजा-पाठ में लीन रहते हैं, तब इस तरह की हरकत न केवल उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि समाज में अविश्वास का वातावरण भी पैदा करती है।
कुछ स्थानीय संगठनों ने भी इस पर चिंता जताई और कहा कि यदि धर्म की आड़ में कोई व्यक्ति किसी और धर्म के लोगों को भ्रमित करता है, तो इसे धार्मिक छलावा माना जाना चाहिए।
जांच की मांग और संभावित कार्रवाई
अब जब मामला दर्ज हो गया है, तो पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वास्तव में दुकानदार ने जूस में थूक मिलाया था और क्या उसने अपनी पहचान को छुपाकर जानबूझकर लोगों को गुमराह किया। फॉरेंसिक जांच भी हो सकती है यदि पीड़ितों ने जूस के सैंपल सुरक्षित रखे हों।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में तत्काल सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि लोगों का प्रशासन पर विश्वास बना रहे।
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे कुछ तत्व धार्मिक संवेदनशीलता का फायदा उठाकर समाज में भ्रम और भय का माहौल बना सकते हैं। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो ये केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और सामाजिक सौहार्द की भी अवमानना है।
प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह त्वरित और निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाए।
A shocking incident took place in Ghaziabad’s Gaur Siddhartham where a Muslim juice seller, allegedly operating under a fake Hindu name “Bharat”, was accused of mixing saliva in juice served to fasting devotees during Shravan month. The man wore Hindu symbols like a kalava to mislead customers. Despite initial police inaction, BJP MLA Nandkishor Gurjar intervened and ensured an FIR was registered. This raises concerns about religious deception and public trust during holy observances.