AIN NEWS 1: गाजियाबाद बार एसोसिएशन का आंदोलन लगातार जारी है। 29 अक्टूबर को हुई घटना के बाद शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन ने बड़ा रूप ले लिया है। बार एसोसिएशन ने 6 दिसंबर को पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के वकीलों को गाजियाबाद पहुंचने का आह्वान किया है। वकीलों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
मांगें और आंदोलन का कारण
यह विरोध उस घटना से शुरू हुआ, जब 29 अक्टूबर को जिला जज की अदालत में अधिवक्ता नाहर सिंह यादव और जिला जज के बीच तीखी बहस हुई। इसके बाद कोर्ट रूम में बड़ी संख्या में वकील पहुंचे, जिन्हें बाहर निकालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज के विरोध में वकीलों ने कचहरी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की और कचहरी परिसर में धरना शुरू कर दिया।
वकीलों की मुख्य मांग जिला जज का तबादला है। उनका कहना है कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।
जिला जज ने की सुरक्षा व्यवस्था की मांग
वकीलों के आंदोलन के बीच, जिला जज ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कचहरी परिसर में वादकारियों और कामकाजी वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कचहरी में वकीलों की वेषभूषा में आए अराजक तत्वों द्वारा वादकारियों से मारपीट और अभद्रता को गंभीर चिंता का विषय बताया।
वकीलों की आंतरिक कार्रवाई और हड़ताल का प्रभाव
बार एसोसिएशन ने उन वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी है, जिन्होंने इस दौरान वकालतनामा दायर किया। आंदोलन का असर पूरे जिले में दिख रहा है। मंगलवार को मोदीनगर तहसील में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। वकीलों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। हालांकि, जिला न्यायालय की 53 अदालतों में काम चलता रहा।
6 दिसंबर को बड़ी बैठक की तैयारी
आंदोलन को गति देने के लिए बार एसोसिएशन ने 6 दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अधिवक्ताओं को गाजियाबाद में एकत्र होने का आह्वान किया है। यह बैठक आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेगी।
वकीलों की चेतावनी
वकीलों ने दोहराया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका कहना है कि जिला जज का तबादला ही इस विवाद का समाधान है।