AIN NEWS 1 : गाजियाबाद के साइट-4 इलाके को गौतस्करी और गौमांस एकत्रीकरण का गढ़ बताया जा रहा है। भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस के उच्चाधिकारियों की सहमति और संरक्षण के बिना यह अवैध गतिविधियां संभव नहीं हैं।
गंगा की पवित्रता को नुकसान का आरोप
विधायक गुर्जर ने आरोप लगाया है कि गौकशी के अवशेष और खून गंगा में बहाए जा रहे हैं, जिससे महाकुंभ की पवित्रता प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा, “गाय के खून में सने गंगाजल में स्नान से श्रद्धालुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंच रही है।” विधायक ने महाकुंभ की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए इन फैक्ट्रियों को तत्काल बंद करने की मांग की है।
कौन हैं आरोपों के घेरे में?
गुर्जर के पत्र में कहा गया है कि खुर्जा और अन्य स्थानों से ट्रकों में भैंस के मांस को लेबलिंग के जरिए गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित मेसर्स अरिहंत फार्म हाउस प्राइवेट लिमिटेड और Frigorifico अलाना मीट फैक्ट्री में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सपा समर्थित राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल की पत्नी प्रोमिला सिब्बल की इन गतिविधियों में कथित संलिप्तता का भी आरोप लगाया है।
गौमांस निर्यात और आतंकी फंडिंग का आरोप
विधायक ने दावा किया कि गौमांस निर्यातक भारत-विरोधी आतंकी संगठनों को फंडिंग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस पूरे सिंडिकेट और इसमें शामिल पुलिस के अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। “इससे प्रदेश की सनातन हितेषी छवि को गहरी क्षति हो रही है,” उन्होंने अपने पत्र में लिखा।
सीबीआई जांच की मांग
विधायक ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस गंभीर मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि गौतस्करी के इन मामलों से न केवल धार्मिक आस्था आहत हो रही है, बल्कि गंगा और महाकुंभ जैसे आयोजनों की पवित्रता पर भी गहरा आघात पहुंच रहा है।
विधायक का सवाल
गुर्जर ने सवाल उठाया कि क्या प्रदेश सरकार इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने में असमर्थ है? उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि बिना उनके संरक्षण के यह काम संभव नहीं है।
इस सनसनीखेज पत्र के बाद प्रदेश में गौतस्करी और गौमांस निर्यात से जुड़े मामलों की जांच को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं।