AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में नगर निगम में पार्षदों का जो चुनाव संपन्न हुए अभी तीन महीने भी नहीं बीत पाए हैं. अभी से ही इनके 26 पार्षदों की कुर्सी पर एक बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया। इस चुनाव में जीते हुए पार्षदों के प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों ने उनके निर्वाचन में ही गड़बड़ियों के काफ़ी गम्भीर आरोप लगाकर न्यायालय में अपनी याचिका दाखिल की है। इन पार्षदों पर निर्वाचन के दौरान दिए गए नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए अधिकतर दस्तावेजों में गड़बड़ी और कई अहम सूचनाएं छुपाने के आरोप हैं।

अगर ये आरोप सही पाए गए तो इनमें से कई पार्षदों की कुर्सी भी जा सकती है। जान ले इसके नामांकन प्रक्रिया के दौरान भी इन प्रत्याशियों पर इनके प्रतिद्धदी प्रत्याशियों ने जाति प्रमाण पत्र, उनकी संपत्तियों की जानकारी छुपाने समेत ओर कई अन्य दस्तावेजों में भी गड़बड़ियों के यह आरोप लगाए थे। इनके आधार पर भी कई नामांकन पत्र निरस्त किए गए थे, लेकिन अब इन चुनाव के दौरान हारे हुए प्रत्याशियों की ओर से इन शिकायतों का सिलसिल और आगे बढ़ गया था। निर्वाचन कार्यालय से ही जीते हुए पार्षदों के नामांकन पत्र के साथ मे दाखिल किए गए दस्तावेजों की पूरी तरह से सत्यापित प्रतिलिपि लेकर प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों ने अब न्यायालय में इनपर केस दाखिल कर दिए हैं।इनमें से नगर निगम के वार्ड-10, 17, 20, 21, 26, 29, 34, 35, 36, 41, 59, 60, 63, 64, 66, 72, 73, 74, 75, 82, 83, 86, 87, 89, 93 और इनमे वार्ड 96 भी शामिल हैं। प्रशासन के स्तर पर ही अब इस मामले में न्यायालय में दस्तावेज भी प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रशासन ने वार्ड-26 के संबंध में भी नगर निगम से सूचना मांगी है। इस वार्ड में पार्षद की ओर से दाखिल किए गए जाति प्रमाण पत्र पर कई सवाल उठाए गए हैं। अपर नगर आयुक्त ने भी बताया कि तहसील से प्रमाण पत्र का सत्यापन कराकर प्रशासन को इसकी रिपोर्ट दे दी जाएगी।

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