AIN NEWS 1 गाजियाबाद: जिले की कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने के उद्देश्य से लागू की गई बीट पुलिस प्रणाली में भारी लापरवाही सामने आई है। इसी को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने सख्त कदम उठाया है और छह पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
यह कार्रवाई देहात जोन के डीसीपी सुरेंद्रनाथ तिवारी द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि मोदीनगर और ट्रोनिका सिटी क्षेत्रों में बीट पुलिसिंग के तहत अपराधियों का सत्यापन किया गया था। इसके बावजूद इन क्षेत्रों में आपराधिक घटनाएं घटित हुईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सत्यापन प्रक्रिया में गंभीर खामियां रहीं।
क्या है बीट पुलिसिंग प्रणाली?
बीट पुलिसिंग एक ऐसी प्रणाली है जिसमें पुलिस अधिकारियों को उनके क्षेत्र की छोटी-छोटी यूनिट्स (बीट्स) की जिम्मेदारी दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि क्षेत्र में हर व्यक्ति की जानकारी पुलिस के पास हो, जिससे अपराधों पर रोक लगाई जा सके और जनता को सुरक्षा का भरोसा मिल सके।
कैसे हुई लापरवाही उजागर?
डीसीपी देहात ने बताया कि मोदीनगर और ट्रोनिका सिटी में कई बदमाशों का सत्यापन पुलिस द्वारा किया गया था, फिर भी वे आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए। जब इन मामलों की गहन जांच की गई, तो सामने आया कि जिन बदमाशों का सत्यापन होना चाहिए था, वह ठीक से किया ही नहीं गया था या अधूरा था।
कौन-कौन से पुलिसकर्मी लाइन हाजिर हुए?
जांच में दोषी पाए गए छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों में शामिल हैं:
दारोगा विजेंद्र कुमार, तैनात ट्रोनिका सिटी थाने में
ट्रेनी दारोगा अरविंद कुमार, ट्रोनिका सिटी
हेड कांस्टेबल विकास राणा, ट्रोनिका सिटी
महिला कांस्टेबल नीशु, ट्रोनिका सिटी
हेड कांस्टेबल चरन सिंह, भोजपुर थाना
हेड कांस्टेबल सुनील कुमार, मोदीनगर थाना
डीसीपी तिवारी ने स्पष्ट किया कि ये सभी पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर रहे थे। इनके द्वारा अपराधियों का जो वेरिफिकेशन किया जाना था, उसमें गंभीर लापरवाही बरती गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों को समय रहते रोका नहीं जा सका।
डीसीपी का सख्त संदेश
डीसीपी सुरेंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि बीट पुलिसिंग प्रणाली का उद्देश्य अपराध नियंत्रण है, लेकिन जब इस व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी ही लापरवाही बरतें, तो सिस्टम का उद्देश्य विफल हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे भी इस तरह की गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुधार की दिशा में कदम
इस कार्रवाई को गाजियाबाद पुलिस की आंतरिक व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में बीट पुलिसिंग व्यवस्था की और भी कड़ी निगरानी की जाएगी, और हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी।
गाजियाबाद पुलिस की यह कार्रवाई साफ संदेश देती है कि लापरवाही अब सहन नहीं की जाएगी। बीट पुलिसिंग जैसी महत्वपूर्ण प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए पुलिसकर्मियों को अपने कर्तव्यों का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करना होगा। अगर समय रहते सतर्कता न बरती गई, तो इसका सीधा असर जनता की सुरक्षा पर पड़ता है। ऐसे में पुलिस विभाग की जवाबदेही तय करना नितांत आवश्यक हो गया है।
In a recent crackdown on internal negligence, the Ghaziabad Police suspended six officers, including sub-inspectors and constables, for failing to effectively implement the beat policing system. Despite prior criminal verifications in Modinagar and Tronica City, crimes continued to occur due to incomplete checks. DCP Surendra Nath Tiwari emphasized strict accountability, highlighting the importance of proper police verification to curb crime. This incident underlines growing concerns about the effectiveness of local police vigilance and law enforcement in Ghaziabad.