Ghaziabad: Police Officer Slaps Street Vendor, Incident Caught on CCTV
गाजियाबाद में दरोगा ने ठेले वाले को मारा थप्पड़, घटना सीसीटीवी में कैद
AIN NEWS 1: गाजियाबाद में पुलिस द्वारा ठेले वालों के साथ दुर्व्यवहार का एक और मामला सामने आया है। एक दरोगा ने देर रात ठेला लगाने वाले को थप्पड़ मारे और उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पुलिस ने इस मामले में अपना बचाव करते हुए कहा कि ठेले वाले को रात में ठेला लगाने से मना किया गया था, लेकिन वह बहस करने लगा।
घटना का विवरण
घटना 19 फरवरी की रात करीब 12:30 बजे परशुराम चौक, नंदग्राम में हुई। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि एक दरोगा निजी गाड़ी से उतरता है, ठेले की लाइट को नीचे फेंक देता है और फिर ठेले वाले को थप्पड़ मारता है। इसके बाद उसने ठेले वाले का मोबाइल फोन भी छीन लिया। वीडियो में यह भी दिखा कि मौके पर अन्य लोग भी मौजूद थे, जो यह सब देख रहे थे।
पुलिस की सफाई
गाजियाबाद पुलिस ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर सफाई दी। पुलिस के अनुसार, नंदग्राम चौकी इंचार्ज रात्रि गश्त पर थे और उन्होंने देखा कि देर रात ठेले पर कुछ लोग जमा थे। पुलिस का कहना है कि जब ठेले वाले को हटने के लिए कहा गया, तो वह बहस करने लगा। इसके चलते उसे थाने ले जाया गया और 34 पुलिस एक्ट के तहत चालान किया गया।
CCTV फुटेज के वायरल होने के बाद प्रतिक्रिया
सीसीटीवी वीडियो सामने आने के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों ने पुलिस की कार्रवाई को अनुचित बताया और सवाल उठाए कि क्या पुलिस को इस तरह का व्यवहार करने का अधिकार है। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया।
ठेले वालों के साथ पुलिसिया दुर्व्यवहार पर बढ़ती बहस
यह पहली बार नहीं है जब गाजियाबाद या अन्य शहरों में पुलिस द्वारा रेहड़ी-पटरी वालों के साथ इस तरह का व्यवहार सामने आया है। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जहां पुलिस द्वारा ठेले वालों से मारपीट की गई है या उनके सामान को नुकसान पहुंचाया गया है।
क्या कहता है कानून?
भारत में स्ट्रीट वेंडर्स (Protection of Livelihood and Regulation of Street Vending) एक्ट, 2014 के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को कानूनी सुरक्षा दी गई है। उन्हें बिना उचित कारण हटाना या उनके साथ मारपीट करना गैर-कानूनी है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें रात में ठेले लगाने से रोकने का अधिकार है।
गाजियाबाद में ठेले वाले के साथ हुई इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां पुलिस इसे कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला बता रही है, वहीं आम जनता इसे पुलिस की ज्यादती मान रही है। सवाल यह है कि क्या पुलिस को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार है? इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की जा रही है।
A Ghaziabad police officer was caught on CCTV slapping a street vendor and seizing his mobile phone. The incident took place late at night when the vendor was allegedly violating police orders. The viral CCTV footage has sparked outrage on social media, raising concerns over police misconduct and the rights of street vendors in India. The Ghaziabad police defended their actions, claiming the vendor was violating regulations. However, legal experts argue that the Street Vendors Act, 2014 protects vendors from such actions. The incident has once again highlighted issues of police brutality and abuse of power in India.