AIN NEWS 1: गाजियाबाद में एक महिला पहलवान का दर्दनाक मामला सामने आया है। खेल की दुनिया में कई मेडल जीत चुकी महिला पहलवान राखी (Rakhi) का कहना है कि शादी के कुछ महीनों बाद ही उनके ससुरालियों ने उन्हें घर से निकाल दिया और अब उन्हें अपने ही वैवाहिक घर में प्रवेश तक नहीं करने दिया जा रहा। राखी ने स्पष्ट कहा है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वह आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगी।
शादी के बाद बदल गया व्यवहार
राखी ने प्रेस वार्ता में बताया कि उनकी शादी 9 जुलाई 2024 को अवंतिका कॉलोनी, डीडी-111, गाजियाबाद निवासी भूवनेश शर्मा से हुई थी। शुरूआती दिनों में सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ ही महीनों बाद हालात बदलने लगे।
राखी के मुताबिक, उनके पति भूवनेश शर्मा मुंबई की एक कंपनी में नौकरी करते हैं। शादी के बाद उन्होंने राखी को झूठ बोलकर नोएडा में रख लिया और कई महीनों तक वहीं रहने को मजबूर किया। इसके बाद अचानक वे विदेश चले गए और न तो उन्होंने संपर्क किया, न ही घर ले जाने की कोशिश की।
ससुराल में नहीं मिला प्रवेश
राखी ने बताया कि जब उन्होंने 17 अगस्त को अपने ससुराल, अवंतिका कॉलोनी जाने का प्रयास किया, तो ससुराल पक्ष ने उन्हें घर में प्रवेश करने से रोक दिया। हालात ऐसे बने कि भारी बारिश के बावजूद उन्हें घर के गेट पर ही बैठना पड़ा। पूरे दिन उन्होंने वहीं गुजारा, लेकिन परिवार के किसी सदस्य ने दरवाजा नहीं खोला।
ससुर पुलिस में दारोगा, प्रशासन पर दबाव का आरोप
राखी ने बताया कि उनके ससुर गजेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं और वर्तमान में मिर्जापुर जिले में तैनात हैं। उनका आरोप है कि ससुराल पक्ष के प्रभाव के कारण स्थानीय पुलिस भी ठोस कार्रवाई करने से बच रही है।
हालांकि, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ससुराल वालों ने राखी को घर में प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया।
पति और परिवार से केवल समझौते की मांग
इस पूरे विवाद पर राखी का कहना है कि वह अपने पति या ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहतीं। उनका बस इतना कहना है कि अगर उनसे कोई गलती हुई है तो बताया जाए, वह माफी मांग लेंगी।
राखी ने कहा –
“मैं सिर्फ अपना घर बसाना चाहती हूं। मुझे यह जानना है कि मेरी गलती क्या है। अगर मैंने कोई गलती की है तो मैं माफी मांग लूंगी। लेकिन इस तरह मुझे घर से बाहर निकाल देना अन्याय है।”
आमरण अनशन की चेतावनी
महिला पहलवान ने साफ कहा है कि अगर उन्हें जल्द न्याय नहीं मिला तो वह अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू करेंगी। उनका कहना है कि वह तभी उठेंगी जब पुलिस प्रशासन और समाज उन्हें न्याय दिलाएगा।
सोशल मीडिया पर गुस्सा और समर्थन
इस घटना ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा है। कई यूजर्स ने राखी के समर्थन में आवाज उठाई है। कुछ लोगों ने कहा कि समाज में ऐसी घटनाओं को रोकना जरूरी है, क्योंकि यह न सिर्फ महिलाओं के साथ अन्याय है बल्कि उनके सम्मान और अधिकारों का उल्लंघन भी है।
गाजियाबाद में चर्चा का विषय
पूरा मामला गाजियाबाद में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब एक महिला पहलवान, जिसने खेल के मैदान में देश का नाम रोशन किया है, उसे ही अपने वैवाहिक घर में जगह नहीं मिल रही तो आम महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा।
लोगों की मांग है कि पुलिस प्रशासन त्वरित कार्रवाई करे और राखी को उनके अधिकार दिलवाए।
यह मामला समाज के सामने कई सवाल खड़ा करता है—क्या शादी के बाद एक महिला का अधिकार सिर्फ कागजों पर रह गया है? क्या परिवार और समाज की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह महिला को सम्मान और अधिकार दें? राखी जैसी महिला पहलवान, जिसने अपने संघर्ष और मेहनत से पहचान बनाई, अगर अपने ही घर से बेघर कर दी जाए तो यह पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है।
राखी ने भले ही कोर्ट-कचहरी का रास्ता न चुना हो, लेकिन उनका यह शांतिपूर्ण आंदोलन आने वाले समय में बड़ा सामाजिक संदेश बन सकता है। गाजियाबाद प्रशासन पर अब यह जिम्मेदारी है कि वह जल्द से जल्द इस विवाद का समाधान निकालकर राखी को न्याय दिलाए।
A shocking case from Ghaziabad has emerged where a national-level woman wrestler named Rakhi was allegedly thrown out by her in-laws. Despite winning medals for the country, she was denied entry into her marital home and now plans to sit on an indefinite hunger strike for justice. Her case highlights issues of domestic disputes, women’s rights, and social justice in Uttar Pradesh, making it a trending topic on social media and local news.