AIN NEWS 1 | पिछले कई महीनों से सोने की कीमतें लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। अगस्त 2025 में सोना पहले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा और फिर अचानक पिछले 10 दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की गई। अब निवेशक, व्यापारी और ज्वैलर्स के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा है कि क्या यह सही समय है सोना खरीदने का या अभी और इंतजार करना चाहिए।
अगस्त में सोने का सफर – रिकॉर्ड हाई से गिरावट तक
8 अगस्त को सोने की कीमतों में भारी उछाल आया था और यह अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। लेकिन इसके तुरंत बाद बाजार में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया।
18 अगस्त तक आते-आते 22 कैरेट सोना करीब ₹9,280 प्रति 10 ग्राम यानी एक सॉवरेन लगभग ₹74,240 पर बिक रहा था।
यह गिरावट लगातार जारी है और निवेशकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
गिरावट से खरीदारों को राहत
हालांकि इस गिरावट ने सोना खरीदने वालों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। ज्वैलर्स का मानना है कि लंबे समय से रुके ग्राहक अब दोबारा बाजार में लौट सकते हैं। शादी-ब्याह का सीजन नजदीक है, ऐसे में खरीदारों को अब सोने की कीमतें थोड़ी राहत देती नजर आ रही हैं।
सोने में गिरावट के पीछे कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की इस गिरावट के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण जिम्मेदार हैं।
भूराजनीतिक तनाव में कमी – रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-चीन तनाव में हाल में आई नरमी ने निवेशकों का विश्वास अन्य बाजारों की ओर मोड़ दिया।
अमेरिकी आर्थिक आंकड़े – आने वाले दिनों में अमेरिका से जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े और वहां की मौद्रिक नीति पर फैसले सोने की कीमतों को प्रभावित करेंगे।
सुरक्षित निवेश की मांग में कमी – जब हालात तनावपूर्ण होते हैं तो लोग सोने में निवेश करते हैं, लेकिन जैसे ही माहौल शांत होता है, यह मांग घटने लगती है।
विशेषज्ञों की राय – आगे क्या होगा?
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रणब मेहर का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। सभी की नजर अगले महीने होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर टिकी है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मानव मोदी का मानना है कि यदि वैश्विक स्तर पर शांति बनी रहती है तो सोने में गिरावट और गहरी हो सकती है। हालांकि, किसी भी अप्रत्याशित भू-राजनीतिक घटना से सोने की मांग अचानक बढ़ सकती है।
सितंबर में सोने का रुख – कहां तक जाएगा भाव?
सितंबर 2025 में सोने की कीमतें कहां तक जाएंगी, यह फिलहाल अनुमान का विषय है।
अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि करता है तो डॉलर मजबूत होगा और सोना और नीचे जा सकता है।
अगर अंतरराष्ट्रीय तनाव दोबारा बढ़ते हैं तो सोना सुरक्षित निवेश के तौर पर फिर महंगा हो सकता है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर मौजूदा हालात बने रहे तो सितंबर में 22 कैरेट सोना ₹72,000 – ₹75,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकता है।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
लघु अवधि के निवेशक – अगर आप निकट भविष्य में शादी या ज्वैलरी खरीदने की सोच रहे हैं तो यह सही समय हो सकता है।
दीर्घकालिक निवेशक – आपको थोड़ा और इंतजार करना चाहिए। अगर कीमतें और गिरती हैं तो आप बेहतर स्तर पर खरीदारी कर सकते हैं।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट (SIP in Gold) – विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोने में धीरे-धीरे निवेश करना ज्यादा सुरक्षित विकल्प है। इससे औसत खरीद मूल्य संतुलित हो जाता है।
सोना क्यों अब भी है खास?
भले ही सोने की कीमतों में गिरावट आई हो, लेकिन इसकी चमक कभी फीकी नहीं होती। भारत जैसे देशों में सोना केवल निवेश नहीं बल्कि परंपरा, सुरक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक है। यही वजह है कि चाहे कीमतें बढ़ें या घटें, सोने की मांग बनी रहती है।
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