AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में एक बयान में कुंभकरण के बारे में कुछ रोचक जानकारी साझा की, जो मिथक से अलग थी। उन्होंने कहा कि यह मान्यता कि कुंभकरण छह महीने सोता था और छह महीने जागता था, बिल्कुल गलत है। दरअसल, कुंभकरण एक महान टेक्नोक्रेट था और उसे उच्च तकनीकी ज्ञान था, जिसका इस्तेमाल वह गुप्त रूप से किया करता था।
राज्यपाल पटेल के अनुसार, कुंभकरण का कार्य रावण से था कि वह छह महीने तक अपनी यंत्रशाला में बैठकर काम करे और उसके बाद बाहर निकले। वह अपनी तकनीकी खोजों पर काम करने के लिए इसे गोपनीय तरीके से करता था ताकि उसकी तकनीकी जानकारी दूसरे देशों में न पहुँच सके। पटेल ने यह भी कहा कि यह मिथक कि कुंभकरण सोता था और जागता था, दरअसल उस समय के सामाजिक वातावरण और प्रचार का परिणाम था। कुंभकरण की असली पहचान एक महान वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में की जानी चाहिए, जो अपने ज्ञान का उपयोग रावण के साम्राज्य के लिए करता था।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि कुंभकरण की पूरी जीवनशैली को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, और उसे एक आलसी व्यक्ति के रूप में दिखाया गया, जबकि वह एक कुशल यांत्रिक और तकनीकी विशेषज्ञ था। इस बयान के बाद यह साफ होता है कि भारतीय मिथकों और कहानियों में बहुत कुछ ऐसा छिपा हुआ है, जिसे हमें सही संदर्भ में समझने की जरूरत है।
इस बयान ने ना केवल कुंभकरण के चरित्र को नए रूप में प्रस्तुत किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि हमारे प्राचीन इतिहास में कितनी गहरी तकनीकी समझ और ज्ञान था, जिसे आज की दुनिया में भी महत्व दिया जा सकता है।