AIN NEWS 1: भारत सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कई तरह की व्यवस्थाएँ बनाई हैं। इनमें से एक है राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (National Consumer Helpline – NCH), जहाँ आम नागरिक अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। हाल ही में यह चर्चा में आया कि अगर 22 सितंबर के बाद कोई दुकानदार या व्यापारी GST रेट घटने के बावजूद ग्राहकों से पुराने दाम वसूलता है, तो इसकी शिकायत सीधे हेल्पलाइन नंबर पर की जा सकती है।
सरकार का मकसद साफ है – उपभोक्ताओं को न्याय दिलाना और अनुचित वसूली पर लगाम लगाना। बहुत बार यह देखा जाता है कि GST दरें कम होने के बावजूद दुकानदार तुरंत अपने दामों में बदलाव नहीं करते। ऐसे में ग्राहक को ज़रूरी जानकारी होनी चाहिए कि उसके पास शिकायत करने का क्या अधिकार है और किस प्रक्रिया से वह न्याय पा सकता है।
शिकायत के लिए जारी नंबर
सरकार और NCH ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कई नंबर जारी किए हैं।
1. 1800 11 4000 – यह राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन का टोल-फ्री नंबर है। इस पर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक कॉल कर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
2. 1915 – यह एक और हेल्पलाइन नंबर है, जिस पर कॉल करके शिकायत की जा सकती है।
3. 8800001915 – यह WhatsApp और SMS के लिए दिया गया नंबर है। इस पर आप अपनी शिकायत का विवरण और सबूत (जैसे कि बिल की फोटो) भेज सकते हैं।
इन नंबरों का उद्देश्य है कि किसी भी ग्राहक को ओवरचार्जिंग या गलत GST वसूली झेलनी न पड़े।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
अगर आपको लगता है कि दुकानदार ने GST रेट घटने के बाद भी पुराने दाम पर सामान बेचा है, तो आप इन स्टेप्स का पालन कर सकते हैं –
1. बिल या रसीद संभालें – सबसे पहले उस दिन की खरीदी गई वस्तु का बिल अपने पास रखें। बिना बिल शिकायत मजबूत नहीं मानी जाएगी।
2. हेल्पलाइन पर कॉल करें – 1800 11 4000 या 1915 पर कॉल करें और अपनी शिकायत विस्तार से बताएं।
3. WhatsApp पर जानकारी भेजें – नंबर 8800001915 पर अपनी शिकायत लिखकर भेजें और बिल का फोटो अटैच करें।
4. ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें – consumerhelpline.gov.in पर जाकर “Register Grievance” ऑप्शन चुनें और शिकायत दर्ज करें।
5. शिकायत संख्या नोट करें – एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद आपको एक Grievance ID मिलेगी। इसके ज़रिए आप अपनी शिकायत की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
किन जानकारियों की ज़रूरत होगी?
शिकायत दर्ज करते समय आपको कुछ जरूरी जानकारी देनी होगी –
आपका नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
दुकानदार या व्यापारी का नाम और पता
खरीदे गए सामान का नाम और मात्रा
खरीदी की तारीख
बिल / इनवॉइस की कॉपी
वास्तविक GST रेट और वसूले गए दाम में अंतर
ये सारी डिटेल्स देने के बाद ही आपकी शिकायत पर सही ढंग से कार्रवाई हो पाएगी।
उपभोक्ता अधिकार और सरकार का रुख
भारतीय उपभोक्ता संरक्षण कानून कहता है कि कोई भी दुकानदार या व्यापारी ग्राहकों से अनुचित लाभ नहीं कमा सकता। अगर GST दरें घटती हैं, तो दुकानदार को उसी हिसाब से नया रेट लागू करना अनिवार्य है।
कई बार व्यापारी यह बहाना बना देते हैं कि “पुराना स्टॉक पुरानी दर पर खरीदा गया है।” लेकिन सरकार का स्पष्ट नियम है कि जैसे ही नई दर लागू होती है, ग्राहक से उसी हिसाब से बिलिंग होनी चाहिए।
यही वजह है कि सरकार ने इन हेल्पलाइन नंबरों और पोर्टल की व्यवस्था की है, ताकि ग्राहक अपनी शिकायत आसानी से कर सकें और तुरंत समाधान पा सकें।
क्यों ज़रूरी है शिकायत करना?
अक्सर लोग छोटी रकम देखकर शिकायत करने से बच जाते हैं। लेकिन सोचिए – अगर लाखों ग्राहक ऐसा ही सोचें, तो व्यापारी खुलेआम गलत वसूली करते रहेंगे।
शिकायत करने से न सिर्फ आपका पैसा बचेगा, बल्कि सिस्टम में सुधार भी होगा। सरकार को भी पता चलेगा कि कहाँ-कहाँ व्यापारी उपभोक्ताओं का शोषण कर रहे हैं।
अगर 22 सितंबर या उसके बाद किसी भी दुकानदार ने GST घटने के बावजूद पुराने रेट पर सामान दिया है, तो चुप न रहें।
तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें,
बिल का सबूत रखें,
और WhatsApp या ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
याद रखें, आपकी आवाज़ ही आपके अधिकार की ताकत है।
If a shopkeeper charges old prices even after the GST rate reduction, consumers can file a complaint through the National Consumer Helpline (NCH). The toll-free numbers 1800 11 4000, 1915, and WhatsApp number 8800001915 are available for filing GST-related complaints. Consumers must keep the bill or invoice as proof and can also register complaints online at consumerhelpline.gov.in. Filing complaints against overcharging, GST fraud, and unfair trade practices ensures consumer rights protection in India.