AIN NEWS 1 | गुजरात के भरूच जिले के जीआईडीसी पनौली औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। संघवी ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक केमिकल फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और दूर-दूर तक धुएं का काला गुबार छा गया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों में डर का माहौल फैल गया।
अचानक लगी आग से मचा हड़कंप
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फैक्ट्री से अचानक धुआं और लपटें उठने लगीं। शुरुआत में कर्मचारियों ने आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ती गई। आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास के लोग भी दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।
आग लगने की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और भरूच समेत आस-पास के जिलों से कई फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। फायर ब्रिगेड की टीम लगातार आग पर काबू पाने में जुटी हुई है। हालांकि आग अभी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ सकी है।
प्रशासन की अपील
अधिकारियों ने बताया कि आग पर काबू पाने के प्रयास जारी हैं और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लगातार पानी और फोम का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन ने आसपास के इलाकों के लोगों से घरों में सुरक्षित रहने और आग वाली जगह से दूरी बनाए रखने की अपील की है।
नुकसान और आग के कारण की जांच जारी
अब तक आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। फैक्ट्री में कितनी क्षति हुई है, इसकी भी सही जानकारी सामने नहीं आई है। अधिकारियों का कहना है कि हालात काबू में आने के बाद ही वास्तविक नुकसान का अनुमान लगाया जा सकेगा।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
पनौली औद्योगिक क्षेत्र के लोगों के लिए यह घटना किसी बड़े सदमे से कम नहीं रही। कई लोगों ने बताया कि धुएं का गुबार और आग की लपटें इतनी भयानक थीं कि कुछ देर तक स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया। लोग फैक्ट्री के पास खड़े होकर रेस्क्यू ऑपरेशन को देख रहे थे और आपस में चर्चा कर रहे थे कि आखिर इतनी भीषण आग कैसे लग गई।
गुजरात में हाल ही में हुई थी और भी बड़ी दुर्घटना
गौरतलब है कि गुजरात में इससे पहले भी इसी साल एक बड़ा हादसा हो चुका है। 2 अप्रैल को बनासकांठा जिले के डीसा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में मध्य प्रदेश से आए प्रवासी श्रमिक भी शामिल थे।
गवाहों ने बताया था कि विस्फोट इतना तेज था कि आसपास के घर तक हिल गए थे। फैक्ट्री का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था और कई लोग मलबे में फंस गए थे। उस समय भी पुलिस और रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत करके लोगों को बाहर निकाला था।
औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी
लगातार हो रही इन घटनाओं ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुरक्षा मानकों का पालन ठीक से किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। आग लगने के पीछे अक्सर छोटी-छोटी लापरवाहियां ही बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बन जाती हैं।
प्रशासन ने उद्योगपतियों और फैक्ट्री मालिकों को आग से बचाव के सभी सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। साथ ही, इस मामले की विस्तृत जांच भी शुरू कर दी गई है।
राहत कार्य जारी
फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द आग को काबू में लाया जाए। प्रशासन भी लगातार हालात की निगरानी कर रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दे रहा है।