AIN NEWS 1 | हमास के वरिष्ठ अधिकारी मुशीर अल-मसरी ने पुष्टि की है कि हमास अमेरिका के साथ सीधी बातचीत के लिए तैयार है. इस वार्ता का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता लाना है. हालांकि, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम अभी भी अधर में लटका हुआ है, क्योंकि इजरायल ने हमास पर दबाव बनाने के लिए महत्वपूर्ण सहायता रोक दी है.
हमास का मकसद – बंधकों की रिहाई के बदले युद्ध विराम
अल-मसरी ने स्पष्ट किया कि हमास बंधकों की रिहाई के मुद्दे को हल करना चाहता है, लेकिन इसके लिए लड़ाई के स्थायी अंत की शर्त रखी गई है. मौजूदा जानकारी के अनुसार, गाजा में केवल एक जीवित अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर है, जबकि चार अमेरिकी बंधकों की मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा, कम से कम 12 अमेरिकी-इजरायली नागरिक भी बंदी हैं.
डोनाल्ड ट्रंप पर हमास का आरोप
अल-मसरी ने डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने केवल इजरायली बंधकों पर ध्यान दिया, जबकि इजरायल की जेलों में बंद 10,000 फिलिस्तीनी कैदियों को नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने अमेरिकी प्रशासन पर इजरायल के प्रति पक्षपात करने का भी आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के बजाय एक पक्ष के रूप में सामने आ रहा है.
ट्रंप की चेतावनी और अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की संभावना
डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सभी बंधकों को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. वहीं, मध्य पूर्व मामलों के अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने भी संकेत दिया कि यदि हमास अमेरिकी मांगों को नहीं मानता तो गाजा में सैन्य कार्रवाई संभव है.
हमास ने अमेरिका से तटस्थता की अपील की
अल-मसरी ने ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया कि वह इजरायल के प्रति बाइडेन प्रशासन की गलतियों को न दोहराए. उन्होंने कहा कि धमकियों से कोई समाधान नहीं निकलेगा और गाजा के लोगों को जबरन विस्थापित करने के प्रयास सफल नहीं होंगे.