AIN NEWS 1: हरियाणा के रेवाड़ी में एक शादी समारोह के दौरान दूल्हे ने ऐसा काम किया, जिसने समाज को दहेज मुक्त विवाह का संदेश दिया। दहेज प्रथा, जो आज भी कई जगहों पर एक बुरी परंपरा बनी हुई है, उस पर प्रहार करते हुए इस दूल्हे ने न केवल लड़की वालों का दिल जीता, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी कायम की।
क्या हुआ शादी में?
रेवाड़ी में आयोजित इस शादी में लड़की के पिता ने दूल्हे और उसके परिवार को 11 लाख रुपये दहेज के रूप में देने की पेशकश की थी। लेकिन, जब दूल्हे के पिता ने यह सुना तो उन्होंने तुरंत इस राशि को वापस करने का फैसला किया। इस फैसले ने न केवल लड़की के परिवार को, बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।
दूल्हे और परिवार का क्या कहना था?
दूल्हे के पिता ने कहा, “हमारी परवरिश में दहेज लेने की कोई जगह नहीं है। हमारी नजर में रिश्तों की अहमियत पैसों से बढ़कर है।” वहीं, दूल्हे ने इस मौके पर केवल 1 रुपये शगुन के तौर पर लेकर शादी को संपन्न किया।
लड़की के पिता हुए भावुक
दहेज वापस किए जाने के बाद लड़की के पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा, “मैं अपनी बेटी को ऐसे परिवार में भेजकर निश्चिंत हूं, जहां संस्कार और सम्मान की कद्र है। यह पल हमारे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है।”
दहेज प्रथा पर संदेश
दूल्हे और उसके परिवार का यह कदम दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है। आज के समय में, जब दहेज के लिए कई घरों में विवाद होते हैं और लड़कियों को बोझ समझा जाता है, ऐसे में यह परिवार समाज में बदलाव का उदाहरण बन सकता है।
समाज को सीख लेने की जरूरत
यह घटना यह दर्शाती है कि अगर हर परिवार दहेज को नकार दे, तो इस बुरी प्रथा को खत्म किया जा सकता है। दूल्हे ने यह साबित कर दिया कि संस्कार और इंसानियत किसी भी संपत्ति से बढ़कर है।
निष्कर्ष
रेवाड़ी के इस दूल्हे और उसके परिवार ने साबित किया कि शादी सिर्फ दो परिवारों का मिलन है, न कि पैसे के लेन-देन का जरिया। इस तरह की घटनाएं समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार हो सकती हैं।
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