AIN NEWS 1 देवघर, झारखंड: छठ पूजा के अवसर पर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की छात्रा आयुषी अन्या ने संस्कृत में छठ पूजा के गीत गाकर लोगों का दिल जीत लिया है। उनकी आवाज़ और संगीत की मिठास ने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को आकर्षित किया है।
संस्कृत में छठ गीतों का अनोखा प्रयास
आयुषी अन्या, जो कि संगीत में गहरी रुचि रखती हैं, ने छठ पूजा के पारंपरिक गीतों को संस्कृत में प्रस्तुत करने का अनोखा प्रयास किया है। उनका मानना है कि संस्कृत भाषा में गाए गए गीतों का एक अलग ही प्रभाव होता है और इससे त्योहार की गरिमा और बढ़ जाती है। आयुषी ने कहा, “मुझे अपने गीतों के माध्यम से छठ पूजा की संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखना है। मैं चाहती हूं कि युवा पीढ़ी भी इन गीतों को सुने और समझे।”
सोशल मीडिया पर लोकप्रियता
आयुषी के गाए हुए गीतों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर धूम मचाई है। उन्होंने अपने गीतों को विभिन्न वीडियो शेयरिंग ऐप्स पर साझा किया है, जहाँ उन्हें लाखों व्यूज और सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। उनके प्रशंसक उनके संगीत की तारीफ कर रहे हैं और इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। आयुषी की गायकी ने न केवल देवघर में बल्कि पूरे देश में छठ पूजा के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता और छठी मइया की आराधना के लिए समर्पित है। इस पूजा के दौरान श्रद्धालु विशेष प्रकार के गीत गाते हैं, जो प्रकृति और जीवन के प्रति आभार प्रकट करते हैं। आयुषी अन्या के गीत इस परंपरा को एक नई दिशा दे रहे हैं, जिससे युवा पीढ़ी भी इस त्योहार की महत्ता को समझ सकें।
भविष्य की योजनाएं
आयुषी अन्या का लक्ष्य अपने संगीत करियर को आगे बढ़ाना और संस्कृत संगीत को और अधिक लोगों तक पहुंचाना है। वे आगे की योजनाओं में छठ पूजा के और भी गीतों को संस्कृत में गाने का विचार कर रही हैं। उनका सपना है कि उनके गीतों से लोग जुड़ें और भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक हों।
आयुषी अन्या की इस पहल से न केवल छठ पूजा के गीतों को नई पहचान मिली है, बल्कि उन्होंने युवा पीढ़ी को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित किया है। उनके प्रयासों की सराहना की जा रही है और उम्मीद है कि उनका संगीत आगे भी लोगों को जोड़ता रहेगा।