AIN NEWS 1 | भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर महीने धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों की श्रृंखला चलती रहती है। व्रत और त्योहार न केवल हमारी धार्मिक आस्था का प्रतीक होते हैं, बल्कि ये हमें अपने परिवार, समाज और परंपराओं से जोड़े रखते हैं। वर्ष 2025 में भी कई ऐसे पावन अवसर आने वाले हैं, जो उत्साह, भक्ति और मेलजोल का वातावरण तैयार करेंगे। इस लेख में हम अगस्त से अक्टूबर 2025 तक के प्रमुख व्रत और त्योहारों की पूरी जानकारी सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत कर रहे हैं।
अगस्त 2025 के प्रमुख त्योहार
1. रक्षाबंधन (9 अगस्त, शनिवार)
रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह और सुरक्षा के रिश्ते को मनाने का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं भाई बहन की रक्षा का वचन देते हैं। यह त्योहार पारिवारिक संबंधों को और मजबूत बनाता है।
2. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (16 अगस्त, शनिवार)
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली जन्माष्टमी का विशेष धार्मिक महत्त्व है। भक्त दिनभर व्रत रखते हैं और रात्रि को श्रीकृष्ण जन्म की झांकी सजाई जाती है। मथुरा, वृंदावन और द्वारका में इस दिन की रौनक देखते ही बनती है।
3. गणेश चतुर्थी (27 अगस्त, बुधवार)
भगवान गणेश के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों में गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक पूजा-अर्चना कर अंतिम दिन विसर्जन करते हैं।
सितंबर 2025 के प्रमुख पर्व
4. अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर, शनिवार)
यह पर्व भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन गणेश चतुर्थी के दौरान स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन भी होता है। मुंबई और पुणे जैसे शहरों में यह दृश्य बेहद भव्य होता है।
5. पितृ पक्ष की शुरुआत (7 सितंबर, रविवार)
पितृ पक्ष वह समय होता है जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध करते हैं। यह 16 दिनों तक चलता है और भारतीय संस्कृति में इसका विशेष स्थान है।
6. शारदीय नवरात्रि आरंभ (22 सितंबर)
नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व है। देशभर में भक्त व्रत रखते हैं, मंदिर सजते हैं और दुर्गा पंडालों में गरबा-डांडिया का आयोजन होता है। यह नौ दिन भक्तिभाव और ऊर्जा से भरपूर होते हैं।
अक्टूबर 2025 के महत्वपूर्ण त्योहार
7. दशहरा (2 अक्टूबर, गुरुवार)
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। देशभर में रामलीलाएं आयोजित होती हैं और रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है।
8. करवा चौथ (10 अक्टूबर, शुक्रवार)
विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। यह दिन पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण को और गहरा बनाता है।
9. अहोई अष्टमी (13 अक्टूबर, सोमवार)
यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। खासकर उत्तर भारत में यह पर्व बहुत मान्यता रखता है।
10. धनतेरस (19 अक्टूबर, रविवार)
दीपावली महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन आदि खरीदते हैं और भगवान धन्वंतरि तथा कुबेर की पूजा करते हैं।
11. दीपावली (21 अक्टूबर, मंगलवार)
दीपों का यह महापर्व भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। लोग घरों को दीपों से सजाते हैं, लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। व्यापारिक समुदाय के लिए यह नया साल भी माना जाता है।
12. गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर, बुधवार)
यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की याद में मनाया जाता है। इस दिन अन्नकूट भोग लगाया जाता है और गौ माता की विशेष पूजा की जाती है।
13. भैया दूज (23 अक्टूबर, गुरुवार)
रक्षाबंधन के समान यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें भाइयों को तिलक कर उनके सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
14. छठ पूजा (27 अक्टूबर, सोमवार)
छठ पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का महापर्व है। खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह पर्व बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रत, सूर्य को अर्घ्य और घाटों पर पूजा की जाती है।
त्योहार और व्रत भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। ये हमें न केवल ईश्वर से जोड़ते हैं, बल्कि परिवार और समाज को भी मजबूत करते हैं। 2025 का यह व्रत-त्योहार कैलेंडर न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा लाएगा, बल्कि लोगों के जीवन में उमंग और उल्लास भर देगा।
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