AIN NEWS 1 | हिंदू जागरण मंच के उत्तर क्षेत्रीय अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने गाजियाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हाल ही में हुई घटनाएं किसी साधारण अपराध का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि यह एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है।
उन्होंने मेरठ जिले के सलावा गांव और सहारनपुर जिले के शंकलापुरी मंदिर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी गतिविधियां एक बड़े अभियान से जुड़ी हुई लगती हैं, जिसे “गजवा-ए-हिंद” का स्वरूप बताया जा सकता है।
मेरठ और सहारनपुर की घटनाओं का हवाला
राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मेरठ के सलावा गांव में कथित तौर पर कुछ लोगों ने हिंदुओं पर हमला, गांव की भूमि पर अवैध कब्जा और मस्जिद निर्माण जैसी गतिविधियां की हैं।
वहीं सहारनपुर के शंकलापुरी मंदिर में शिवलिंग को खंडित करने, मंदिर के घंटों और अन्य कीमती सामान गायब होने जैसी घटनाएं हुई हैं। उनका कहना था कि ये सब घटनाएं अलग-अलग नहीं, बल्कि एक ही षड्यंत्र की कड़ी हैं।
सुप्रीम कोर्ट का जिक्र
उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गंभीर है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में सात एनजीओ के संदर्भ में चर्चा की थी, जो इस प्रकार के मामलों से जुड़े बताए जाते हैं।
राजेंद्र शर्मा का आरोप है कि कुछ एनजीओ और संगठन इन गतिविधियों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं और इनके जरिए देश की कानून-व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।
एनजीओ और संगठनों पर आरोप
राजेंद्र शर्मा ने कई संगठनों और एनजीओ के नाम लेते हुए कहा कि इन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। उनके अनुसार,
सिटीजन फॉर जस्टिस
प्यूपिल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज
रिहाई मंच
एलायंस फॉर जस्टिस
जस्टिस फॉर अकाउंटेबिलिटी
साउथ एशिया सॉलिडेरिटी सोसायटी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद लीगल सेल
इन संगठनों पर आरोप है कि वे अपराधियों और षड्यंत्रकारी तत्वों को कानूनी और सामाजिक समर्थन देते हैं।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद लीगल सेल पर गंभीर आरोप
उन्होंने विशेष रूप से जमीयत उलेमा-ए-हिंद लीगल सेल का जिक्र करते हुए कहा कि इसने लगभग 400 अपराधियों के मामलों की पैरवी की है। उनके अनुसार, यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इससे साफ संकेत मिलता है कि किस तरह से सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गजवा-ए-हिंद अभियान का जिक्र
राजेंद्र शर्मा ने कहा कि ये सभी घटनाएं मिलकर यह दर्शाती हैं कि देश में एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, जिसे उन्होंने गजवा-ए-हिंद कहा। उनके अनुसार, यह अभियान उच्चस्तरीय इस्लामिक मदरसों, तबलीगी जमातों और कुछ एनजीओ की मदद से चलाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इनका उद्देश्य न केवल धार्मिक उन्माद फैलाना है, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करना भी है।
केंद्र और राज्य सरकारों से मांग
इस मौके पर हिंदू जागरण मंच ने केंद्र और प्रदेश सरकार से अपील की कि इस तरह के षड्यंत्रों को तत्काल विफल किया जाए। साथ ही जो भी शक्तियां इनके पीछे हैं, उनका पर्दाफाश कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार को ऐसे संगठनों की फंडिंग और गतिविधियों की जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत में कोई भी शक्ति लोकतंत्र और कानून व्यवस्था को कमजोर न कर सके।
मंच के अन्य नेता भी रहे मौजूद
इस अवसर पर हिंदू जागरण मंच के पश्चिम प्रांत उपाध्यक्ष पवन चौधरी भी उपस्थित रहे। उन्होंने भी संगठन की ओर से इन घटनाओं पर चिंता जताई और सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की।
हिंदू जागरण मंच का आरोप है कि देशभर में हो रही ऐसी घटनाएं एक सुनियोजित सांप्रदायिक और राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हैं। उनका कहना है कि यदि इन पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो यह न केवल सामाजिक सौहार्द बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन सकती हैं।
अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस पूरे मामले को किस तरह से लेता है और क्या वास्तव में इन संगठनों और घटनाओं की जांच की जाती है।