AIN NEWS 1 | हिंदू जागरण मंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने एक कड़े बयान में दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ मौलाना और जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि मौलाना मदनी लगातार समाज में मिथ्या (झूठा) और भड़काऊ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में बरेली में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर मदनी द्वारा दिए गए बयान को हिंदू जागरण मंच ने पूरी तरह से साम्प्रदायिक और निंदनीय बताया है।
“आई लव मोहम्मद” पोस्टर विवाद और वास्तविक मुद्दा
ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने अपने बयान में साफ कहा कि “आई लव मोहम्मद” पोस्टर को लेकर हिंदू समाज या संगठन ने कभी कोई विरोध नहीं किया। उनका कहना है कि असली विवाद इस बात को लेकर था कि क्या यह आयोजन प्रशासन की अनुमति से हुआ था या बिना इजाजत के।
लेकिन, मदनी और उनके सहयोगियों ने इस छोटे से विषय को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और उसे हिंदू समाज के खिलाफ साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया।
बरेली हिंसा और षड्यंत्र का आरोप
सिंह ने आगे आरोप लगाया कि बरेली की घटना में पुलिस पर पेट्रोल बम से हमला हुआ, पथराव हुआ, आगजनी हुई और यहां तक कि पुलिस अधिकारियों की हत्या करने की साजिश भी रची गई।
उनका कहना है कि ऐसी गंभीर घटनाओं को मौलाना मदनी और उनके समर्थक जायज़ ठहराने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि बिल्कुल अस्वीकार्य और निंदनीय है।
हिंदू त्योहारों को निशाना बनाने का प्रयास
हिंदू जागरण मंच अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मदनी और उनके सहयोगी संगठन अक्सर हिंदू त्योहारों के समय ही इस प्रकार के मुद्दे खड़े करते हैं। उनका कहना है कि यह एक सोची-समझी रणनीति है ताकि हिंदू समाज को भयभीत किया जा सके और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ा जा सके।
ठाकुर सिंह ने व्यंग्य करते हुए कहा कि यदि मौलाना मदनी वास्तव में “आई लव मोहम्मद” के नारों और पोस्टरों के समर्थन में इतने गंभीर हैं तो वे इसे हर मुसलमान के व्यापारिक प्रतिष्ठानों, रेडी-पटरी और खोमचों पर भी लगवाएं।
संगठनों पर भी आरोप
उन्होंने केवल मदनी पर ही नहीं बल्कि कई संगठनों पर भी उंगली उठाई। सिंह ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद के साथ-साथ उनके लीगल सेल और सहयोगी संगठन जैसे —
- सिटीजन फॉर जस्टिस
- प्यूपिल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज
- रिहाई मंच
- एलायंस फॉर जस्टिस
- जस्टिस फॉर अकाउंटेबिलिटी
- साउथ एशिया सालिडेरिटी सोसाइटी
इन्हें भी सरकार और प्रशासन को बारीकी से मॉनिटर करना चाहिए। उनका आरोप है कि ये संगठन सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से उपद्रवियों को समर्थन देते हैं और हिंसा को वैचारिक आधार पर सही ठहराने का काम करते हैं।
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
हिंदू जागरण मंच ने मांग की है कि सरकार इन संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखे और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। सिंह ने कहा कि अगर ऐसे संगठनों की साजिशों को समय रहते नहीं रोका गया, तो देश और प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव और ज्यादा गहराएगा।
बयान वापस लेने की चेतावनी
ठाकुर सूर्यकांत सिंह ने मौलाना मदनी को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि मदनी को अपने बयान को वापस लेना चाहिए और हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते तो हिंदू जागरण मंच उनके खिलाफ प्रदेश भर में आंदोलन छेड़ देगा।
हिंदू जागरण मंच का दृष्टिकोण
हिंदू जागरण मंच लंबे समय से यह मानता है कि देश में कुछ कट्टरपंथी ताकतें लगातार सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं।
संगठन का कहना है कि हिंदू समाज को जानबूझकर निशाना बनाया जाता है और त्योहारों के समय दंगे या उपद्रव करवाए जाते हैं ताकि हिंदू धर्मावलंबियों में भय का माहौल पैदा हो।
ठाकुर सूर्यकांत सिंह का बयान इसी दृष्टिकोण को सामने रखता है।
मौलाना महमूद मदनी का विवादित पक्ष
मौलाना महमूद मदनी का नाम अक्सर विवादों में आता है। वे मुस्लिम समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे संगठन का नेतृत्व करते हैं।
उन पर अक्सर यह आरोप लगता है कि वे मुस्लिम समाज के मुद्दों को इस तरह से उठाते हैं, जिससे सांप्रदायिकता और बढ़े। हालांकि, उनके समर्थक यह कहते हैं कि मदनी केवल मुस्लिम समाज के अधिकारों और भावनाओं की रक्षा करते हैं।
लेकिन, बरेली हिंसा पर दिया गया उनका बयान हिंदू संगठनों को रास नहीं आया और यही विवाद का कारण बना।



















