AIN NEWS 1: गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई फिल्म “साबरमति रिपोर्ट” का समर्थन किया और कहा कि इकोसिस्टम चाहे जितने भी प्रयास कर ले, सच को दबाया नहीं जा सकता। यह फिल्म गोधरा कांड पर आधारित है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 22 साल बाद, इस कांड की सच्चाई अब बड़े पर्दे पर दिखाई जा रही है, और अमित शाह का कहना है कि फिल्म के माध्यम से उस सच्चाई को सामने लाया गया है जिसे लंबे समय तक दबाने की कोशिश की गई थी।
गोधरा कांड की सच्चाई पर फिल्म
गोधरा कांड, जो 27 फरवरी 2002 को हुआ था, में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जलाया गया था, जिसमें कई हिन्दू यात्री मारे गए थे। इस घटना के बाद गुजरात में व्यापक हिंसा फैली थी, जिसके कारण हजारों लोग प्रभावित हुए। फिल्म “साबरमति रिपोर्ट” इस कांड की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास करती है। फिल्म का उद्देश्य यह दिखाना है कि घटनाओं को किस तरह से गलत तरीके से पेश किया गया और सच्चाई को दबाने की कोशिश की गई।
सच्चाई का सामना करना जरूरी
गृह मंत्री अमित शाह ने फिल्म के समर्थन में कहा, “आज के समय में हम यह देख रहे हैं कि जब भी कुछ सत्य सामने आता है, तो उसे दबाने की कोशिश की जाती है। लेकिन यह सत्य अब सामने आ चुका है। फिल्म के जरिए गोधरा कांड की सच्चाई को सबके सामने लाया गया है। इसने उस समय के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को भी उजागर किया है, जो कई सालों से छिपा हुआ था।”
उन्होंने कहा कि यह फिल्म उन लोगों के लिए एक संदेश है जो इस घटना की वास्तविकता को झुठलाने की कोशिश कर रहे थे। उनका मानना है कि किसी भी प्रयास से सच को दबाया नहीं जा सकता और यह हमेशा उभर कर सामने आता है।
फिल्म का महत्व और समाज पर प्रभाव
साबरमति रिपोर्ट फिल्म न केवल गोधरा कांड के बारे में जानकारी प्रदान करती है, बल्कि यह समाज में समरसता और सच्चाई की ओर एक कदम बढ़ने का संदेश भी देती है। फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं का मानना है कि इस फिल्म के माध्यम से लोग घटनाओं को समझेंगे और जानेंगे कि क्या वास्तव में हुआ था।
गृह मंत्री ने फिल्म की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म न केवल उन घटनाओं के बारे में बताती है, बल्कि यह लोगों को यह समझने का अवसर भी देती है कि इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करना कितना जरूरी है।
निष्कर्ष
22 साल बाद गोधरा कांड पर बनी इस फिल्म ने एक महत्वपूर्ण संवाद को जन्म दिया है। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि कोई भी इकोसिस्टम, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, सच को दबा नहीं सकता। अब यह सच्चाई सिनेमा के माध्यम से सबके सामने आ चुकी है, और यह समाज को एक नया दृष्टिकोण देने में सक्षम हो सकती है।