वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट में ₹50.65 लाख करोड़ के कुल व्यय की परिकल्पना की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 7.4% अधिक है।
विदेश मंत्रालय को कितनी राशि मिली?
भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय को ₹20,516 करोड़ का बजट आवंटित किया है। इसमें से विदेशी सहायता के रूप में ₹5,483 करोड़ तय किए गए हैं, जो पिछले साल के संशोधित बजट ₹5,806 करोड़ से थोड़ा कम है।
भूटान को सबसे ज्यादा सहायता
भारत अपने पड़ोसी देशों में सबसे अधिक सहायता भूटान को दे रहा है। 2025-26 के लिए भूटान को ₹2,150 करोड़ की सहायता दी गई है, जो पिछले साल के ₹2,068 करोड़ से अधिक है। भारत, भूटान के प्रमुख विकास साझेदार के रूप में बुनियादी ढांचे, जलविद्युत परियोजनाओं और आर्थिक सहयोग के लिए सहायता प्रदान करता है।
मालदीव के लिए बढ़ा बजट
मालदीव के लिए भारत का बजट ₹400 करोड़ से बढ़ाकर ₹600 करोड़ कर दिया गया है। यह वृद्धि तब हुई है जब मालदीव चीन समर्थक नीतियों और भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बाद नई दिल्ली से संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।
अफगानिस्तान को कम मदद
अफगानिस्तान को दी जाने वाली सहायता ₹200 करोड़ से घटकर ₹100 करोड़ रह गई है। दो साल पहले यह ₹207 करोड़ थी। भारत तालिबान सरकार के प्रति सतर्क रुख अपनाए हुए है और सहायता को मानवीय सहायता और आर्थिक सहयोग तक सीमित रखा गया है।
म्यांमार को अधिक फंड
भारत ने म्यांमार के बजट को ₹250 करोड़ से बढ़ाकर ₹350 करोड़ कर दिया है। यह ऐसे समय में हुआ है जब देश आंतरिक अशांति से जूझ रहा है। साथ ही, भारत ने भारत-म्यांमार सीमा पर लोगों की आवाजाही के नियमों को सख्त कर दिया है।
नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के लिए आवंटन
- नेपाल के लिए सहायता ₹700 करोड़ पर स्थिर रखी गई है।
- श्रीलंका के लिए बजट ₹245 करोड़ से बढ़ाकर ₹300 करोड़ किया गया है।
- बांग्लादेश के लिए ₹120 करोड़ की सहायता राशि बरकरार है।
निष्कर्ष
भारत का 2025-26 का बजट उसके कूटनीतिक संबंधों और पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक सहयोग को दर्शाता है। भूटान को सबसे अधिक सहायता, जबकि मालदीव के लिए बजट में वृद्धि देखी गई है। वहीं, अफगानिस्तान की सहायता में कटौती की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत अपनी विदेश नीति को रणनीतिक रूप से संचालित कर रहा है।
India’s Union Budget 2025 focuses on foreign aid allocation for neighboring countries, with Bhutan receiving ₹2,150 crore, the highest among all. Maldives’ aid increased to ₹600 crore, reflecting India’s strategic engagement. Meanwhile, Afghanistan’s assistance dropped to ₹100 crore, indicating limited involvement. Other key allocations include ₹700 crore for Nepal, ₹350 crore for Myanmar, and ₹300 crore for Sri Lanka. This budget underscores India’s diplomatic priorities and regional partnerships.