How to Identify Naturally Ripened vs. Chemical Ripened Mangoes
कैसे पहचानें प्राकृतिक और केमिकल से पके आम: पानी परीक्षण से सच जानिए
AIN NEWS 1: गर्मी का मौसम आते ही बाजार में आमों की बहार आ जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में बिकने वाले सभी आम प्राकृतिक तरीके से पके हुए नहीं होते? बहुत से व्यापारी आम को जल्दी पकाने के लिए केमिकल्स का सहारा लेते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि कौन-सा आम प्राकृतिक तरीके से पका है और कौन-सा केमिकल से। इस लेख में हम आपको बताएंगे एक आसान घरेलू तरीका जिससे आप यह पहचान सकते हैं कि आम प्राकृतिक है या नहीं।
प्राकृतिक और केमिकल से पके आमों में फर्क क्यों जरूरी है?
केमिकल्स जैसे कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग आमों को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है। यह रसायन आम के अंदर जाकर उसे बाहर से तो पका देता है लेकिन अंदर से कच्चा रह सकता है। इसके अलावा, यह रसायन स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है। इससे गैस, सिरदर्द, उल्टी, दस्त, चक्कर और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा होता है।
वहीं, प्राकृतिक तरीके से पके आम स्वादिष्ट होते हैं, उनकी सुगंध अच्छी होती है और वे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होते हैं।
पानी वाला टेस्ट: सबसे आसान और असरदार तरीका
अगर आप बाजार से आम खरीद कर लाते हैं और यह जानना चाहते हैं कि ये केमिकल से पके हैं या प्राकृतिक रूप से, तो आप ‘पानी वाला टेस्ट’ कर सकते हैं।
कैसे करें पानी वाला टेस्ट?
1. एक बाल्टी या बर्तन में साफ पानी भरें।
2. अब उसमें एक-एक करके आम डालें।
3. ध्यान दें कि कौन-से आम डूबते हैं और कौन-से तैरते हैं।
नतीजा:
अगर आम पानी में डूब जाता है, तो यह संकेत है कि आम प्राकृतिक रूप से पका है।
अगर आम पानी में तैरता है, तो यह संभावना है कि उसे केमिकल से पकाया गया है।
यह टेस्ट इसलिए काम करता है क्योंकि प्राकृतिक तरीके से पके आम अंदर से भारी होते हैं और उनमें पानी की मात्रा संतुलित होती है। वहीं, केमिकल से पके आम हल्के और अंदर से सूखे हो सकते हैं, जिससे वे पानी में तैरने लगते हैं।
अन्य पहचान के तरीके
हालांकि पानी वाला टेस्ट काफी कारगर है, फिर भी आप कुछ अन्य संकेतों से भी अंदाजा लगा सकते हैं:
1. सुगंध:
प्राकृतिक आमों से मीठी, मनभावन खुशबू आती है।
केमिकल से पके आमों में तेज गंध नहीं होती या कृत्रिम सी गंध होती है।
2. रंग:
प्राकृतिक आमों का रंग एकसमान नहीं होता; कुछ जगहों पर पीला, कुछ पर हरा हो सकता है।
केमिकल से पके आम पूरी तरह पीले या सुनहरे लगते हैं लेकिन उनकी चमक कृत्रिम सी होती है।
3. छिलका:
प्राकृतिक आमों का छिलका थोड़ा झुर्रीदार हो सकता है।
केमिकल से पके आम चिकने और चमकदार दिखते हैं।
4. स्वाद:
प्राकृतिक आम मीठे और रसीले होते हैं।
केमिकल से पके आम फीके और अंदर से कच्चे हो सकते हैं।
केमिकल से पके आम खाने के खतरे
कई बार लोग सोचते हैं कि फल तो सेहत के लिए अच्छे होते हैं, चाहे जैसे भी पके हों। लेकिन यह गलतफहमी हो सकती है। केमिकल से पके आम में निम्न खतरे होते हैं:
पाचन तंत्र पर बुरा असर
शरीर में जहर जैसी प्रतिक्रिया
बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक
लंबे समय तक सेवन से गंभीर बीमारियां
क्या करें, क्या न करें
क्या करें:
हमेशा मौसम के अनुसार आम खरीदें, ऑफ-सीजन आमों से बचें।
लोकल और भरोसेमंद विक्रेताओं से फल लें।
खरीदने के बाद घर पर पानी टेस्ट जरूर करें।
क्या न करें:
बहुत चमकदार और एकसमान रंग के आमों से बचें।
बिना सुगंध वाले आमों को न खरीदें।
ज्यादा सस्ते और ऑफर वाले आमों में सतर्कता रखें।
अगर आप और आपके परिवार की सेहत की चिंता करते हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके द्वारा खाया जा रहा फल प्राकृतिक है या रासायनिक तरीके से पकाया गया। पानी वाला टेस्ट एक बेहद सरल, सस्ता और प्रभावी तरीका है जिससे आप यह पहचान सकते हैं। इसके साथ ही अन्य लक्षणों को भी पहचानना सीखें और अपनी खरीददारी में सतर्कता बरतें।
स्वस्थ रहें, सुरक्षित फल खाएं!
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