AIN NEWS 1 अयोध्या, 1 जनवरी 2025 : नववर्ष की पहली तारीख को रामनगरी में एक बार फिर श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। हर साल की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में भक्त श्रीरामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचे। हालांकि, इस बार भीड़ इतनी अधिक थी कि रामजन्मभूमि और हनुमानगढ़ी मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ा।
नववर्ष की सुबह जैसे ही सुबह का उजाला फैला, रामजन्मभूमि पथ और हनुमानगढ़ी के भक्तिपथ पर भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। भक्तों का यह आस्था का जनसैलाब न केवल मंदिरों तक, बल्कि शहर के प्रमुख मार्गों और होटल-रेस्तरां तक फैल गया। ठंड के बावजूद भक्तों में जोश और भक्ति की लहर थी, जो हर किसी को आकर्षित कर रही थी।
भीड़ और व्यवस्था:
रामजन्मभूमि और हनुमानगढ़ी मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि सुबह 8 बजे तक मंदिरों की कतारों का विस्तार मुख्य क्षेत्र से बाहर तक हो गया था। ज्यादा भीड़ के कारण दोनों मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था को अलग-अलग किया गया था। इसके अलावा, शहर में यातायात नियंत्रण लागू किया गया था ताकि भीड़ को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
रामलला के दर्शन:
रामजन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं के लिए 15 लेन बनाई गई थीं, जिनसे होकर वे मंदिर तक पहुंचते थे। इसके बाद श्रद्धालु मंदिर में पांच कतारों के माध्यम से रामलला का दर्शन करते थे। इस प्रकार, दिनभर में लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने श्रीरामलला के दर्शन किए।
श्रीरामलला का भव्य श्रृंगार भी देखने लायक था। नए साल के अवसर पर उन्हें नवीन परिधान और आभूषणों से सजाया गया था। हरे रंग के कपड़े पहनकर रामलला को विशेष रूप से सजाया गया था, जिनमें सोने की जरी की चित्रकारी की गई थी। उनके दरबार को फूलों से सजाया गया था और भोग प्रसाद में मेवा, मिष्ठान, फल, पूड़ी-सब्ज़ी और खीर शामिल था।
भक्तों की आस्था:
सर्दी की कड़ी ठंड के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। उनके मन में केवल श्रीरामलला के दर्शन की ललक थी, जो हर कठिनाई को पीछे छोड़ते हुए मंदिर तक पहुंचे। हनुमानगढ़ी के प्रधान पुजारी रमेश दास ने बताया कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु 3 बजे से ही मंदिर के बाहर खड़े थे। सुबह 4:30 बजे की आरती से लेकर रात 11 बजे तक शयन आरती के दौरान भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों की संख्या 100 मीटर से भी अधिक दूर तक बढ़ गई थी।
पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा:
रामलला के दर्शन के लिए इस बार जो भीड़ उमड़ी, उसने 23 जनवरी 2024 में हुई प्राण-प्रतिष्ठा के बाद एक और रिकॉर्ड तोड़ा। उस दिन सवा दो लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए थे, लेकिन इस बार एक जनवरी 2025 को सायं चार बजे तक दो लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिया था।
सुरक्षा और प्रशासन की तैयारी:
मंदिरों में इतनी भारी भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया था। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे और तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय ने इस बात की पुष्टि की कि रामनगरी में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए गए थे।
अयोध्या में इस दिन का दृश्य यह दर्शाता है कि श्रीरामलला के प्रति श्रद्धा और आस्था कितनी गहरी है। नए साल के पहले दिन इस अद्भुत भक्ति दृश्य ने यह सिद्ध कर दिया कि राम की महिमा केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लाखों दिलों में बसी है।