नई दिल्ली
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। ज्यादातर लोग जीवन की दौड़ में एक ऐसे मौके की तलाश करते रहते हैं, जिसमें वो नौकरी पाकर सेट हो जाएं।पूरे भारत में लाखों छात्र आईएएस अधिकारी या डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं। कुछ ही इस सपने को सच कर पाते हैं। जो लोग इन सपनों को पूरा कर लेते हैं, उनके जीवन की दौड़ मे जीत हुई मानी जाती है। लेकिन फिर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इस दुनिया मे इन उपलब्धियों को एक मंजिल के रूप में नहीं बल्कि अपनी यात्रा के एक पड़ाव के रूप में देखते हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं रोमन सैनी, जिन्होंने एक डॉक्टर रहते हुऐ एक आईएएस अधिकारी बने। उन्होंने आखिर में एक सफल उद्यमी बनना पसंद किया।पूरे भारत में सबसे कम उम्र के सिविल सर्वेंट में से एक होने से लेकर लाखों यूपीएससी उम्मीदवारों की मदद करने वाली कंपनी के संस्थापक बनने तक रौमन सैनी की कहानी काफी दिलचस्प है। हम आज उनकी कंपनी की वैल्यू 14,000 करोड़ रुपये से अधिक देखते है । सैनी 16 साल की उम्र में एम्स प्रवेश परीक्षा पास करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने। 18 साल की उम्र में उन्होंने एक बड़े मेडिकल पब्लिकेशन में एक रिसर्च पेपर लिखा। एमबीबीएस पूरा करके युवा रोमन सैनी ने एम्स में नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर में काम किया। ज्यादातर लोग इस तरह की बढ़िया नौकरी को पसंद करेंगे मगर रोमन के लिए, डॉक्टर के रूप में उनका कार्यकाल मात्र 6 महीने तक चला। इसके बाद उन्होंने आईएएस बनने की रास्ता चुना ।22 साल की उम्र में, रोमन सैनी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा लगन और मेहनत से पास की , जो भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। आईएएस बनना इसलिए चुना क्योंकि अपनी एमबीबीएस के दौरान वे हरियाणा के दयालपुर गांव में तैनात थे। उन्होंने देखा कि कैसे लोग जरुरी सुविधाओं से वंचित हैं। तभी उन्होंने देश सेवा करने का फैसला किया। रोमन 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र आईएएस अधिकारियों में से एक बने और उन्हें कलेक्टर मध्य प्रदेश में तैनात किया गया।लेकिन एक आईएएस अधिकारी के रूप में भी उनका कार्यकाल छोटा रहा। वो जल्द ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ मिलकर अनअकैडमी की स्थापना के अभियान में शामिल हो गए। ये एक ऐसा मंच है, जो आज हजारों आईएएस उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में पूरी मदद करता है। अनअकैडमी के पीछे का आइडिया था कि छात्रों को कोचिंग कक्षाओं के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना है, जिसमें उन्हें लाखों रुपये लगाने की आवश्यकता न हो।अनअकैडमी की शुरुआत 2010 में गौरव मुंजाल ने यूट्यूब चैनल के रूप में हुई की । फिर कंपनी की स्थापना 2015 में मुंजाल, सैनी और उनके तीसरे सह-संस्थापक हेमेश सिंह ने मिलकर की । छह साल बाद अनअकैडमी 18,000 शिक्षकों के नेटवर्क के साथ भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों मे नम्बर एक पर बन गया है। कंपनी की वैल्यू 2 अरब डॉलर (करीब 14,830 करोड़ रुपये) है। इससे 5 करोड़ से अधिक एक्टिव सब्सक्राइबर्स जुड़े हुए हैं।रोमन सैनी का मानना है कि सीखना सफलता की पहली सीधी है। किसी चुनौती को लेने से पहले आपको उसके लिए पहले तैयारी करनी चाहिए। उनके अनुसार लोग जन्म से प्रतिभाशाली नहीं होते। मगर हर किसी के पास ज्ञान, प्रतिभा और चरित्र होता है कि वे अपने लिए जो भी लक्ष्य निर्धारित करते हैं उसे प्राप्त कर सकें।