IAS से पॉलिश कराना चाहते थे आजम खान! अफसर ने ऐसा दांव खेला कि आजम को उसी IAS की शिकायत पर जेल हुई, विधायकी गई।

आजम खान सियासी पंगे लेने में कुछ ज्यादा ही आगे रहते थे। अपने रसूख के आगे ना दूसरे नेता ना अफसर किसी को कुछ नहीं समझते थे। साथ ही बोलने में तो कुछ ऐसा करते थे कि सोचते ही नहीं थे क्या कहना है और क्या नहीं कहना।

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एक IAS से पंगा लेना आजम खान को भारी पड़ा

हेट स्पीच के मामले में सजा हुई, विधायकी गई

IAS से जूते साफ कराना चाहते थे आजम खान

AIN NEWS 1: बड़बोले आजम खान सियासी पंगे लेने में कुछ ज्यादा ही आगे रहते थे। अपने रसूख के आगे ना दूसरे नेता ना अफसर किसी को कुछ नहीं समझते थे। साथ ही बोलने में तो कुछ ऐसा करते थे कि सोचते ही नहीं थे क्या कहना है और क्या नहीं कहना। यही वजह है कि आजम खान को अब 2019 में हेट स्पीच के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई है। सजा होने के साथ ही यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आजम खान की विधानसभा अध्यक्षता रद्द कर दी है। वैसे तो यह सजा हेट स्पीच के लिए दी गई है, लेकिन इसकी कहानी इतनी सरल नहीं है। इस कहानी का एक खास किरदार है एक आईएएस ऑफिसर, जिसकी आजम खान ने कभी जमकर लानत-मलानत की थी। यहां तक कि आजम ने उस ब्यूरोक्रेट से अपने जूते तक साफ कराने की बात कह डाली थी। ये आईएएस हैं आंजनेय कुमार जो फिलहाल मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं।

रामपुर में डीएम थे आंजनेय कुमार सिंह

दरअसल, 2019 में देश में लोकसभा के चुनाव चल रहे थे और तब आंजनेय कुमार सिंह रामपुर में डीएम थे। आलम यह था कि आजम के सामने बोलने की हिम्मत अधिकारी नहीं जुटा पाते थे। लोकसभा चुनाव के दौरान डीएम आंजनेय जिला निर्वाचन अधिकारी का भी रोल निभा रहे थे। इस दौरान आजम खान लगातार उनके अपने निशाने पर ले रहे थे। ऐसे में अफसरों पर अटैक करते करते आजम शब्दों की मर्यादा भी लांघ गए थे।

जूते साफ कराने की कही बात

आजम खान ने डीएम से जूते तक साफ कराने तक की धमकी दे डाली थी। उधर जिलाधिकारी आंजनेय, आजम खान के बयानों पर कानूनी शिकंजा कसते हुए लगातार मुकदमे दर्ज करा रहे थे। आजम खान के अपमानजनक बयानों का कच्चा चिट्ठा एफआईआर पढ़कर पता लगाया जा सकता है। दरअसल, आजम खान पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक उन्होंने कहा था कि डीएम अंधा हो गया है। ऐसे कितने ही डीएम ने मेरे दफ्तर में खड़े-खड़े पेशाब कर दिया है। ये उसी केस की एफआईआर है जिसमें आजम को सजा सुनाई गई है। लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही आजम के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। आईएएस आंजनेय का कहना है कि हमने पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराया था और प्रशासन के आरोप कोर्ट में सही साबित हुए।

अभी केवल 1 मामले में मिली सजा

2019 में आजम पर कुल 93 मुकदमों दर्ज हुए थे। अभी केवल एक मामले में निर्णय आया है। इस तरह देखा जाए तो अभी 92 मुकदमों में फैसला आना बाकी है। लेकिन आजम के साथ ही उनके परिवार की मुसीबतें यहीं समाप्त होने वाली नहीं हैं। आजम के अलावा उनकी पत्नी तजीन फात्मा जो सांसद रह चुकी हैं उनके खिलाफ 34 मुकदमे, विधयाक बेटे अब्दुल्ला आजम पर 46 और बड़े बेटे अदीब पर 32 मुकदमे हैं। आजम की बहन निकहत पर भी 30 केस हैं। इस मुकदमेबाजी में परिवार को काफी समय सलाखों के पीछे भी गुजारना पड़ा है। पत्नी 10 महीने और बेटा 23 महीना जेल में रहे। वहीं आजम भी लंबे समय तक जेल में रहे हैं।

 

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