बिल्डर के द्वारा (FAR) खरीदे किया गया निर्माण तो चलेगा बुलडोजर… क्या है सरकार का नया नियम, जाने जीडीए ने क्या कहा?

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AIN NEWS 1 गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सरकार के द्वारा नए नियम के संबंध में अब बिल्डरों को इसकी जानकारी दे दी गई है। आज के बाद फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) खरीदे बिना अगर कोई भी बिल्डर किसी तरह से निर्माण करता है तो अब उस निर्माण को तोड़ने के अलावा और कोई भी दूसरा ऑप्शन नहीं होगा। अभी तक तो ऐसे सभी मामलों में शमन शुल्क देकर एफएआर को खरीदकर इस निर्माण को बिल्डर के द्वारा रेगुलर करवा लिया जाता था, लेकिन अब से ऐसा नहीं हो सकेगा, क्योंकि शासन ने अब अपने नियम में बदलाव कर दिया है। इन नए नियमों के मुताबिक, यदि कोई भी बिल्डर बिना एफएआर खरीदे कोई भी निर्माण कर लेता है तो वह अब शुल्क देकर किसी भी प्रकार से रेगुलर नहीं किया जाएगा। इस संशोधन को अब जीडीए में भी इस सप्ताह से ही लागू करने की बात भी की जा रही है। अब इस अतिरिक्त निर्माण को केवल तोड़ने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं बचेगा। इस दौरान जीडीए के अधिकारियों की मानें तो अभी तक तो शासन की तरफ से कोई भी स्पष्ट गाइडलाइंस नहीं थी, जिसकी वजह से लोग यह एफएआर खरीदने से पहले ही निर्माण भी कर लेते थे। फिर जब सीसी (पूर्णता प्रमाणपत्र) जारी करने का इसका आवेदन आता था तो इसकी चेकिंग के दौरान अतिरिक्त एफएआर को यह बिल्डर खरीदता था। इस बिल्डिंग को रेगुलर किए जाने के साथ साथ ही सीसी भी जारी किया जाता था, लेकिन इस आदेश से अब बिल्डर अतिरिक्त निर्माण करने की किसी भी प्रकार से हिम्मत नहीं करेगा। इससे मल्टिस्टोरी बिल्डिंग में अब अवैध निर्माण रोकने में भी काफ़ी मदद मिलेगी। कॉलोनियों में भी किसी भी प्रकार से घर के निर्माण के लिए निश्चित एफएआर दिया जाता है, लेकिन वहां पर भी लोग अधिक निर्माण कर लेते हैं।पहले तो बिल्डर भी एफएआर से अधिक निर्माण कर लेता था, और कोर्ट में केस कर दिया जाता था, जिसकी वजह से लंबे समय तक ही यह पूरा मामला फंसा रहता था। बिल्डर इस एफएआर को खरीदता नहीं है। यह मामला पेंडिंग ही पड़ा रहता है, इससे लोगों को भी काफ़ी परेशानी होती है। अब इससे सभी को राहत मिल जाएगी।

यहां हम बता दें कोर्ट में चलता था लंबे समय तक यह मामला

अब किसी भी प्रकार से अतिरिक्त निर्माण करने पर उसे रेगुलर नहीं किया जाएगा। क्रय योग्य एफएआर को निर्माण से पहले ही बिल्डर को खरीदना होगा। ऐसे ही नवीनीकरण शुल्क भी अब केवल निर्माण के बचे हुए हिस्से पर ही लिया जाएगा।

सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए

हालाकि इससे नवीनीकरण शुल्क अब कुछ कम लगेगा

यहां हम आपको बता दें अभी तक जीडीए किसी भी भवन के निर्माण के लिए 5 साल का समय देता है। फिर उसे 3 साल तक बढ़ाने की परमिशन भी वह दे देता है। 3 साल के एक्सटेंशन पर ही पूरे एरिया पर नवीनीकरण शुल्क भी लिया जाता रहा है। शासन ने इस नियम में भी अब बदलाव किया है। इस नियम में साफ किया गया है कि अब यह नवीनीकरण शुल्क केवल उस एरिया पर ही लिया जाएगा, जितना पर भवन का निर्माण किया जाना बाकी है।इससे पब्लिक को भी काफी राहत मिलेगी। इसमें उदाहरण के तौर पर यदि 300 वर्ग मीटर के भूखंड पर क़रीब 1 लाख रुपये नवीनीकरण शुल्क लिया जाता है और इसमें केवल 2 तिहाई हिस्से का ही निर्माण हो चुका है तो अब केवल एक तिहाई हिस्से पर ही नवीनीकरण शुल्क लिया जाएगा। यानी वह अब केवल 25 हजार रुपये ही होगा।

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