AIN NEWS 1: फ्लैट खरीदने के बाद अगर प्रोजेक्ट फंस गया है और आपको समय पर कब्जा या डिलीवरी नहीं मिल रही है, तो आप निम्नलिखित 5 कानूनी विकल्प अपना सकते हैं:
1. RERA से संपर्क करें
रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट 2016 (RERA) के तहत, अगर डेवलपर घर की डिलीवरी में देरी करता है, तो आप RERA के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। RERA आपको ब्याज के साथ मुआवजा दिलवा सकता है या पैसे की रिफंड दिला सकता है। RERA प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डेवलपर पर दबाव भी डाल सकता है। यह एक्ट 2016 के पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स पर भी लागू होता है, बशर्ते वे अब RERA के तहत रजिस्टर्ड हों।
2. कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट का इस्तेमाल करें
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत, घर खरीदने वाले भी उपभोक्ता होते हैं। यदि आपकी संपत्ति की कीमत 20 लाख रुपये से अधिक है, तो आप अपनी शिकायत जिला आयोग, राज्य आयोग या राष्ट्रीय आयोग के पास दर्ज करा सकते हैं, कीमत के आधार पर।
3. इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 का सहारा लें
इस कानून के तहत, यदि कोई प्रोजेक्ट फंसा है, तो कम से कम 100 घर खरीदार या कुल खरीदारों का 10 प्रतिशत एक साथ मिलकर प्रमोटर के खिलाफ कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। इसके लिए टोटल डिफॉल्ट रकम 1 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए।
4. सिविल कोर्ट से न्याय प्राप्त करें
आप सिविल प्रोसिजर कोड 1908 के तहत पैसे की रिकवरी के लिए या क्रिमिनल प्रोसिजर कोड 1974 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज कर सकते हैं, अगर डेवलपर धोखाधड़ी या झूठे दावे का दोषी पाया जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि यदि मामला RERA के तहत दर्ज है, तो सिविल कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
5. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में शिकायत करें
यदि कोई बिल्डर उपभोक्ताओं के खिलाफ मनमानी कर रहा है, तो आप भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में शिकायत कर सकते हैं। हालांकि, यह आयोग आमतौर पर डेवलपर्स के बीच प्रतिस्पर्धा के मामलों पर ध्यान केंद्रित करता है, और ग्राहकों के मामलों में हस्तक्षेप कम करता है।
विशेषज्ञ की सलाह: कानूनी कार्रवाई करते समय एक बार में एक ही विकल्प चुनें और उसके बाद अगला कदम उठाएं।