Imran Masood Gets Interim Bail Till July 25 from CBI Court in Ghaziabad
सांसद इमरान मसूद को राहत – सीबीआई कोर्ट से 25 जुलाई तक मिली अंतरिम जमानत
AIN NEWS 1: गाजियाबाद में चल रहे एक पुराने कानूनी मामले में सांसद इमरान मसूद को बड़ी राहत मिली है। सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें 25 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है।
इमरान मसूद आज कोर्ट में पेश हुए थे। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (NBW) जारी हुआ था। इस वारंट को देखते हुए उन्होंने खुद कोर्ट में सरेंडर किया और नियमित जमानत की मांग की।
हालांकि, कोर्ट ने उनकी नियमित जमानत याचिका को तुरंत मंजूरी नहीं दी। इसके बाद, उनके वकील ने अंतरिम जमानत (Interim Bail) की अपील की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अब इमरान मसूद को 25 जुलाई तक की राहत मिली है।
क्या है मामला?
इमरान मसूद के खिलाफ यह केस पुराना है, जो सीबीआई के पास विचाराधीन है। सूत्रों के अनुसार, इस केस में मसूद की कई बार पेशी हो चुकी है, लेकिन पिछली बार पेश न होने की वजह से कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत इमरान मसूद ने स्वेच्छा से कोर्ट में सरेंडर करने का निर्णय लिया। उन्होंने कोर्ट से कहा कि वे जांच में सहयोग करना चाहते हैं, और इसीलिए उन्हें जमानत दी जाए।
अदालत की कार्यवाही का क्रम:
1. NBW जारी हुआ: कोर्ट ने पिछली पेशी पर अनुपस्थित रहने के कारण गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
2. सरेंडर किया गया: इमरान मसूद आज स्वयं कोर्ट में पेश हुए।
3. जमानत याचिका दायर: उनके वकील ने कोर्ट से नियमित जमानत की मांग की।
4. याचिका खारिज: कोर्ट ने पहले यह याचिका खारिज कर दी।
5. अंतरिम जमानत की मांग: फिर वकील ने अंतरिम जमानत की मांग की।
6. कोर्ट का निर्णय: कोर्ट ने 25 जुलाई तक की अंतरिम राहत दे दी और उस दिन पुनः पेश होने का निर्देश दिया।
वकील का पक्ष
इमरान मसूद के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल कोई भागने वाले नहीं हैं। वे एक सांसद हैं और कानून का सम्मान करते हैं। इसलिए उन्हें तत्काल गिरफ्तारी से राहत दी जाए।
वकील ने आगे कहा कि मसूद इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, और जब-जब कोर्ट बुलाएगा, वे उपस्थित होंगे।
अब आगे क्या होगा?
अब इमरान मसूद को 25 जुलाई को दोबारा सीबीआई कोर्ट में पेश होना होगा।
उस दिन नियमित जमानत की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
अगर अदालत को उनकी पेशी और सहयोग से संतोष होता है, तो उन्हें नियमित जमानत भी मिल सकती है। लेकिन अगर कोर्ट को संदेह हुआ कि वे फिर से गैरहाजिर हो सकते हैं, तो जमानत पर फैसला टल सकता है या रद्द भी हो सकता है।
कौन हैं इमरान मसूद?
इमरान मसूद एक वरिष्ठ नेता हैं, जो पहले कांग्रेस और फिर समाजवादी पार्टी से भी जुड़े रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे सांसद बने। उनका राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ावों से गुजरा है।
उन पर पहले भी कई बार विवादों के आरोप लगे हैं, लेकिन वे हमेशा खुद को निर्दोष बताते रहे हैं।
जनता की नजर में मामला क्यों अहम है?
एक सांसद का कोर्ट में सरेंडर करना, जनता के लिए बड़ी खबर होती है।
यह दर्शाता है कि कानून सबके लिए बराबर है, चाहे वह आम आदमी हो या जनप्रतिनिधि।
इमरान मसूद जैसे बड़े नेता का नाम सीबीआई केस में आना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनता है।
इससे आम लोगों को न्यायिक प्रक्रिया और लोकतंत्र की पारदर्शिता पर विश्वास भी बढ़ता है।
फिलहाल इमरान मसूद को राहत जरूर मिली है, लेकिन यह स्थायी जमानत नहीं है।
25 जुलाई को कोर्ट में उनकी पेशी के बाद ही यह तय होगा कि उन्हें नियमित जमानत मिलेगी या नहीं।
आम जनता और राजनीतिक हलकों की नजरें अब 25 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हुई हैं।
Imran Masood, Member of Parliament, has been granted interim bail till July 25 by the CBI Court in Ghaziabad after he surrendered following a Non-Bailable Warrant (NBW) issued against him. The case pertains to an ongoing investigation, and the court proceedings saw a brief denial of regular bail, followed by the acceptance of interim relief. Masood is now expected to appear in court again on July 25, where a decision on regular bail will be taken. This development is significant as it involves a sitting MP and highlights the judicial process in politically sensitive cases.