AIN NEWS 1: हाल ही में हुए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि अमेरिका में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो खुद से गर्भपात की कोशिश कर रही हैं। यह स्थिति अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 2022 में ‘रो वर्सेज वेड’ केस में गर्भपात पर फैसले के बाद आई है। इस फैसले के बाद गर्भपात पर कई जगहों पर पाबंदी लग गई है, जिससे इस मुद्दे पर विवाद और राजनीति भी हो रही है।
सर्वे का नतीजा
सर्वे से पता चला है कि गर्भपात की कोशिश करने वाली महिलाओं की संख्या 2.4 प्रतिशत से बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गई है। यह सर्वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले और बाद में गर्भधारण की उम्र वाली महिलाओं के बीच किया गया था। सर्वे के परिणाम जेएएमए नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
गर्भपात के तरीके
महिलाओं ने खुद से गर्भपात करने के लिए कई तरीके अपनाए हैं:
– जड़ी-बूटियाँ और दवाएँ : कुछ महिलाओं ने आपातकालीन गर्भनिरोधक और गर्भपात की दवाओं का उपयोग किया है, जो बिना डॉक्टर के पर्चे के भी मिल सकती हैं।
– शारीरिक प्रयास : कुछ ने अपने पेट में मुक्का मारकर गर्भपात करने की कोशिश की।
– शराब का सेवन : कुछ महिलाओं ने शराब का सेवन करके गर्भपात की कोशिश की।
इन तरीकों से कई महिलाओं को ब्लीडिंग, दर्द, और अन्य दिक्कतें हुईं, जिनके बाद उन्हें डॉक्टर के पास जाना पड़ा। कुछ महिलाओं को क्लिनिक में जाकर गर्भपात कराना पड़ा, जबकि अन्य की कोशिशें सफल नहीं रही।
विशेषज्ञों की राय
पिट्सबर्ग की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ग्रेस फर्गुसन का कहना है कि अधिक लोग खुद से गर्भपात की कोशिश कर रहे हैं। रिसर्च रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि हालांकि आंकड़ों में वृद्धि बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन यह संख्या लाखों में हो सकती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एपिडेमियोलॉजिस्ट लॉरेन राल्फ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि गर्भपात की इच्छा और जरूरत कम नहीं हुई है, बस इसकी पहुंच मुश्किल हो गई है।
निष्कर्ष
रिसर्च के अनुसार, जब औपचारिक तरीके से गर्भपात को कठिन बना दिया जाता है, तो लोग अनौपचारिक तरीकों का सहारा लेते हैं। यह स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि कानूनों और पाबंदियों से लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नए तरीके खोज लेते हैं।