AIN NEWS 1: हरियाणा के ही नूंह जिले के एक डाकघर में हुए कई करोड़ लोगों से ठगी होने के मामले में लगातार पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। गत 10 अप्रैल को ही जहां पर ठगी के मुख्य आरोपी और एजेंट पवन कालड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो वहीं पर अब पुलिस ने उसकी पत्नी अंशु कालड़ा को भी अपनी गिरफ्त मे ले लिया है। पुलिस ने अब अंशु कालड़ा को सोमवार पलवल जिले से ही गिरफ्तार किया है। अंशु कालड़ा को गिरफ्तार करने के बाद से ही पुलिस उन्हे नूंह लेकर पहुंची और फिर उन्हे कोर्ट में पेश किया। वहीं कोर्ट ने अंशु कालड़ा को भी तीन दिन पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। नूंह डाकघर में ही किए गए घोटाले में ये दोनों पति पत्नी का हाथ बताया जा रहा है। वहा पर पीड़ित लोगों ने बताया कि डाकखाना भारत सरकार की ही एक एजेंसी है, उन्होंने इस पर पूरी तरह से विश्वाास करके ही अपने लाखों रुपए इसमें जमा कराये थे। जिनको पवन कालडा व उसके अन्य आरोपियों ने साजबाज होकर फर्जी हस्ताक्षर करके उन्हे निकालकर गबन किया है। उन्होंने बताया कि पवन कालड़ा और अंशु कालड़ा के अलावा सहायक सुनील कुमार और इस डाकखाना अधिकारी-कर्मचारियों को भी उन्होने गिरफ्तार किया ताकि उनसे रिकवरी कर उनका आर्थिक नुकसान भी दूर हो सके।
इस पूरे घटनाक्रम मे पति एफडी का एजेंट तो पत्नी आरडी की एजेंट
यहां हम आपको बता दें नूंह डाकघर में पवन कालड़ा एफडी का ही एजेंट था तो उसकी पत्नी अंशु कालड़ा आरडी की ही एजेंट थी। इन दोनों एजेंट के द्वारा फर्जी तरीके से कई सारे लोगों की करोड़ों रुपए की जमापूंजी को ही निकाला गया था। जब लोगों को इसकी भनक लगी तो डाकघर में जाकर उन्होने जांच पड़ताल की तो इस फर्जीवाड़े की सच्चाई का पता चल सकी। इसके बाद से पवन कालड़ा परिवार सहित फरार हो गया तो पीड़ितों ने इस पर मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए गत 10 अप्रैल को इस आरोपी पवन कालड़ा को गिरफ्तार कर लिया। जिसे पूछताछ के लिए कुल 4 दिन पुलिस रिमांड पर लेने के बाद पवन कालड़ा को सोमवार को फिर से 3 दिन की ओर पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
अब पत्नी को किया गया है गिरफ्तार
कस्टडी के दौरान पूछताछ के बाद पवन की पत्नी अंशु को भी इस मामले में संलिप्त होने पर गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारी एसआई जुगल किशोर ने कहा कि पुलिस इस मामले की कार्रवाई में जुटी हुई है। इस आरोपी पवन कालड़ा की पत्नी अंशु कालड़ा को भी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करते हुए 3 दिन पुलिस रिमांड पर ले लिया गया है। इस मामले में पुलिस अपनी लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में जिसकी भी संलिप्ता पाई गई उसे पुलिस गिरफ्तार करेगी।
करोड़ो के घोटाले के बाद पुलिस ने किया था यह केस दर्ज
यहां हम आपको बता दें आरोपी पवन कालडा पुत्र हुकम चंद कालड़ा निवासी नूंह सभी सामाजिक कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था। जिससे सभी लोगों का विश्वास उस पर पूरी तरह से जम गया। रेहड़ी पटरी लगाने, रिक्शा चलाने, चाय बेचने वाले के अलावा गरीब मजदूर, व्यापारी, नौकरीपेशा आदि करने वालों ने भी पवन कालडा के जरिए अपनी एफडी, आरडी वगैरा डाकघर मे बनवाकर खाता खुलवाया हुआ था। लेकिन अब पता चला है कि पवन कालडा ने इन सभी लोगों के पैसे देने ही बंद कर दिए। उसने इस सारी की सारी जमा राशि को फर्जी हस्ताक्षर कर निकालकर करोड़ों का गबन कर लिया है। जब यह बात उन लोगों तक पहुंची तो सैकड़ों लोगों ने डाकखाना में जाकर अपना रिकार्ड खंगाला तो उन सभी के पैर तले से जमीन खिसक गई। इस डाकघर में उनके खाते तक ही नहीं खुले पाए गए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम मे 40–50 करोड़ रुपए की ठगी का अनुमान
यहां हम आपको बता दें पवन द्वारा करोडों रूपये बटोरकर भागने से उनके सभी सपने पूरी तरह से टूटने से उनके आगे दुखों का पहाड टूट गया है। बताया तो यह जा रहा है कुछ लोग तो करीब 15 वर्षों से पवन के पास पैसा जमा कर रहे थे। जिसमें करीब 2500 लोगों से 40 से 50 करोड़ रुपए तक की ठगी का अनुमान लगाया जा रहा है। इस आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ठगी के शिकार हुए लोगों को उनके पैसे मिलने की उम्मीद कुछ जगी है।