AIN NEWS 1: श्री अयोध्या धाम में आयोजित 43वें रामायण मेले के उद्घाटन सत्र में भाग लेने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह आयोजन विशेष रूप से सनातन धर्म की पहली पावन नगरी अयोध्या में हो रहा है, जो हजारों वर्षों से विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रही है। अयोध्या न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा स्थल है, जहां राम के आदर्शों के माध्यम से समाज को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
अयोध्या का महत्व और उसका वैश्विक योगदान
अयोध्या धाम का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह शहर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में शांति और सद्भाव की मिसाल प्रस्तुत करता है। वर्तमान समय में जब पूरी दुनिया में विभिन्न प्रकार के द्वंद्व और समस्याएं हैं, तब अयोध्या धाम एक शांतिपूर्ण समाधान का प्रतीक बनकर उभरी है। यहाँ की पवित्र भूमि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, जिनका जीवन और कार्य हम सबके लिए आदर्श और मार्गदर्शन का स्रोत हैं।
कार्यक्रम में संतों और धर्माचार्यों का योगदान
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सम्मिलित सभी पूज्य संतों, धर्माचार्यों और राम भक्तों का हार्दिक अभिनंदन किया गया। उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन से यह आयोजन और भी सफल हुआ। इस दौरान रामायण मेला समिति के सदस्यों को भी इस दिव्य आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए साधुवाद दिया गया। इस मेले का उद्देश्य रामायण के माध्यम से सनातन संस्कृति और राम के आदर्शों का प्रचार-प्रसार करना है, ताकि समाज में प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश फैल सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और देश की सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि रामायण मेला जैसे आयोजनों से समाज में धर्म, संस्कृति और संस्कारों की महत्ता को फिर से स्थापित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने रामायण मेला समिति की सराहना करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो न केवल अयोध्या को बल्कि समूचे भारत को एक नई दिशा देने में मदद करेगा।
इस आयोजन के माध्यम से अयोध्या में एक बार फिर राम के संदेश और उनके आदर्शों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जो पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।