AIN NEWS 1 | भारत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि राष्ट्रीय हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और देश के किसानों, उद्यमियों व एमएसएमई सेक्टर की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
ट्रंप की इस एकतरफा घोषणा से जहां वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है, वहीं भारत ने संयम और दृढ़ता के साथ जवाब दिया है। भारत सरकार ने बताया कि वह इस टैरिफ की घोषणा का गहराई से अध्ययन कर रही है और इसके प्रभावों को समझने के बाद ही कोई फैसला लेगी। पर इतना तय है कि भारत किसी भी विदेशी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।
🔍 क्या है मामला?
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% इंपोर्ट टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह घोषणा एकतरफा थी, जिसके बारे में भारत से कोई पूर्व बातचीत नहीं की गई थी। इस फैसले से भारत के निर्यातकों, खासतौर से छोटे व मध्यम उद्योगों पर सीधा असर पड़ सकता है।
📢 भारत का पहला आधिकारिक बयान
सरकार की ओर से पहला आधिकारिक बयान सामने आया, जिसमें कहा गया है कि वे इस पूरी स्थिति का अध्ययन कर रहे हैं और सभी जरूरी आंकड़ों को इकठ्ठा किया जा रहा है। भारत इस टैरिफ के हर पहलू को समझने और फिर उसके अनुसार प्रतिक्रिया देने की नीति पर काम कर रहा है।
राष्ट्रीय हित सर्वोपरि
सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश के किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) और व्यापारियों के हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे पहले ब्रिटेन के साथ हुए व्यापक आर्थिक समझौते में भी सरकार ने इस नीति को अपनाया था, और अब अमेरिका के मामले में भी यही रुख रखा जाएगा।
🤝 अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी
टैरिफ के इस तनावपूर्ण माहौल के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच एक निष्पक्ष, संतुलित और परस्पर लाभकारी व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। भारत इस वार्ता को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाना चाहता है और किसी भी तरह के विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने में विश्वास रखता है।
सरकार का कहना है कि भारत हमेशा से नियम-आधारित वैश्विक व्यापार का समर्थक रहा है, और किसी भी देश के साथ बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते दोनों पक्षों को लाभ हो।
🧩 दबाव की राजनीति नहीं चलेगी
भारत ने इस मौके पर यह भी दोहराया कि वह किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगा। भारत एक संप्रभु देश है और उसकी नीतियाँ उसके अपने हितों के आधार पर तय होती हैं, न कि किसी बाहरी ताकत के दबाव में।
📊 MSMEs और किसानों के लिए संरक्षण
भारत सरकार ने अपने बयान में विशेष रूप से यह कहा कि जो भी नीति बनाई जाएगी, उसमें देश के किसान, लघु उद्यमी और MSME सेक्टर को प्राथमिकता दी जाएगी। यह सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार इनके हितों से समझौता नहीं कर सकती।
भारत का जवाब संतुलित लेकिन सख्त रहा है। सरकार ने यह दिखा दिया है कि वह न तो किसी दबाव में आएगी और न ही जल्दबाज़ी में निर्णय लेगी। हर पहलू का अध्ययन कर, ठोस योजना के तहत ही आगे बढ़ा जाएगा।
यह भारत की एक परिपक्व और सशक्त वैश्विक शक्ति के रूप में पहचान को दर्शाता है, जो अपने नागरिकों, उद्योगों और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना जानती है।
India has issued a firm response to former US President Donald Trump’s unilateral declaration of a 25% tariff on Indian imports. Emphasizing the importance of protecting its national interests, India stated that it will take all necessary measures to safeguard its economy, including MSMEs, farmers, and entrepreneurs. Despite this tension, India remains committed to pursuing a fair, balanced, and mutually beneficial bilateral trade agreement with the US through constructive dialogue.