AIN NEWS 1 | अमेरिका द्वारा भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के बाद भारतीय संसद में इस पर गंभीर चर्चा हुई। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में इस विषय पर जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका की ओर से की गई इस घोषणा का भारत बारीकी से मूल्यांकन कर रहा है और राष्ट्रहित में हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
अमेरिका से सिर्फ 10–15% टैरिफ की बातचीत हुई थी
गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक वार्ताओं में आयात पर 10 से 15 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चर्चा हुई थी, न कि 25 प्रतिशत। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच दिल्ली और वॉशिंगटन डीसी में चार प्रत्यक्ष बैठकें हो चुकी थीं और कई डिजिटल माध्यमों से संवाद भी हुआ।
अप्रैल से लागू होना था टैरिफ, लेकिन टला
मंत्री ने बताया कि अमेरिका द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त टैरिफ मूल रूप से 9 अप्रैल 2025 से प्रभावी होने वाला था, लेकिन इसे 10 अप्रैल को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में इसकी समयसीमा 1 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई।
व्यापार समझौते की प्रक्रिया चल रही थी
पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि भारत और अमेरिका के बीच मार्च 2025 में द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू हुई थी। उद्देश्य यह था कि अक्टूबर से नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप दिया जाए। इस दिशा में 29 मार्च को नई दिल्ली में पहली बैठक हुई, जहां दोनों देशों ने विस्तृत टीओआर (Terms of Reference) को मंजूरी दी।
दिल्ली और वॉशिंगटन में हुई कई बैठकें
इन बैठकों के अलावा, मंत्री ने बताया कि चार आमने-सामने की बैठकों के साथ कई वर्चुअल मीटिंग्स भी की गईं। इन सभी बैठकों का मकसद द्विपक्षीय व्यापार समझौते को स्पष्टता के साथ अंतिम रूप देना था।
सरकार कर रही है गहन विश्लेषण
टैरिफ के प्रभावों को लेकर मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, MSMEs और उद्योग जगत के सभी हितधारकों के हितों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वर्तमान घटनाक्रम के सभी पहलुओं का मूल्यांकन कर रही है और भारत के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लिए जाएंगे।
भारत बना वैश्विक अर्थव्यवस्था का ब्राइट स्पॉट
पीयूष गोयल ने कहा कि एक समय भारत ‘फ्रैजाइल फाइव’ (आर्थिक रूप से कमजोर पांच देशों) में गिना जाता था, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय भारतीय किसानों, MSMEs और उद्यमियों की मेहनत को दिया और कहा कि भारत अब शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है।
2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य
गोयल ने विश्वास जताया कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और अर्थशास्त्रियों ने भारत को “ब्राइट स्पॉट” कहा है क्योंकि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 16% योगदान दे रहा है।
भारत ने कई देशों से किये लाभकारी समझौते
मंत्री ने यह भी कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत के निर्यात में लगातार वृद्धि हुई है। भारत ने यूएई, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और EFTA (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) जैसे देशों के साथ पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता और अमेरिका की ओर से 25% टैरिफ लगाने का मुद्दा अब केवल व्यापार नहीं बल्कि राजनीतिक और राष्ट्रीय रणनीति का भी विषय बन चुका है। सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के लिए तैयार है।
पीयूष गोयल का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि भारत अब न केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश है, बल्कि proactive रणनीतियों से अपने हितों की रक्षा करने वाला राष्ट्र भी बन चुका है।
India’s Commerce Minister Piyush Goyal addressed the Parliament, responding to the US decision to impose a 25% tariff on Indian imports. He clarified that the original talks discussed only 10-15% tariffs, and bilateral trade negotiations were underway since March 2025. Goyal emphasized that India will safeguard its national interests and is evaluating the economic impact on sectors like MSMEs, farmers, and exporters. He highlighted India’s rapid economic rise and commitment to reaching developed nation status by 2047.